लघुकथा

जाल

कल तक वह 14 वर्षीय कक्षा 9 की छात्रा बच्ची थी, अब पीड़िता बन गई है. एक जाल ने उसे फंसा लिया था. पिछले एक महीने से दर्जी की दुकान चलाने वाला उसका पड़ोसी उसका पीछा कर रहा था. एक दिन उसने बच्ची को अपनी बाइक पर लिफ्ट ऑफर की, पहले तो उसने मना किया लेकिन बाद में जब उसने जोर देकर कहा तो वह मान गई. कुछ दिन तक यूं ही चलता रहा.

फिर एक दिन-

वह उसको एक सुनसान जगह पर ले गया और उसका रेप कर पीड़िता बनाया, ऊपर से धमकी भी दी कि अगर उसने किसी से कुछ बताया तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

पीड़िता ने हिम्मत करके पूरी बात अपनी मां को बताई. पीड़िता की मां ने उसको पकड़ने का प्लान बनाया. अगले दिन जब पीड़िता ने उससे लिफ्ट ली तो वह उसे श्यामला हिल्स की एक सुनसान जगह पर ले गया और उससे छेड़छाड़ शुरू कर दी. पीड़िता की मां और उसकी बड़ी बहन खान की बाइक का पीछा करते हुए वहां पहुंचीं और आरोपी को रंगे हाथ पकड़ लिया.

इसके बाद उन्होंने ‘डायल-100’ पर पुलिस को सूचना दी. उसने वहां से भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया. पुलिस ने उसके खिलाफ अपहरण, छेड़छाड़ और बलात्कार की धाराओं में केस दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लिया.

अबकी बार जाल में फंसने की उसकी बारी थी.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “जाल

  • लीला तिवानी

    यह सच्चा किस्सा मध्य प्रदेश भोपाल के श्यामला हिल्स का है. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपहरण, छेड़छाड़ और बलात्कार की धाराओं में केस दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लिया है.

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