गीत/नवगीत

राखी का नेह

बचपन की यादों को लेकर,रक्षाबंधन आया है !
कर पर धागा,मस्तक रोली,चंदन-वंदन लाया है !!

प्रीति थिरकती,नेह बिखरता,
दिल में पावनता पलती
प्यार जताने,वचन निभाने,
को पावन ज्योति जलती

संस्कार के आंचल में अब,नव अभिनंदन आया है !
कर पर धागा,मस्तक रोली,चंदन-वंदन लाया है !!

बीता कल है आज जवाँ फिर,
कहीं खिला भोलापन है
हर दिल खुश है,हर्ष चहकता,
सभी जगह अपनापन है

बहन-भाई का रिश्ता कोमल,मीठी अनबन लाया है !
कर पर धागा,मस्तक रोली,चंदन-वंदन लाया है !!

वेद-पुराणों में महिमा है,
इतिहासों में गाथा है
मान और स्तुति में देखो,
झुका सभी का माथा है

भावों के सागर में देखो,उजला सा इक दर्पन है !
कर पर धागा,मस्तक रोली,चंदन-वंदन लाया है !!

प्रो. शरद नारायण खरे

*प्रो. शरद नारायण खरे

प्राध्यापक व अध्यक्ष इतिहास विभाग शासकीय जे.एम.सी. महिला महाविद्यालय मंडला (म.प्र.)-481661 (मो. 9435484382 / 7049456500) ई-मेल-khare.sharadnarayan@gmail.com