कविता

“हाइकु”

सावन शोर

साजन चित चोर

नाचत मोर।।-1

कंत न भूला

सावन प्रिय झूला

जी प्रतिकूला।।-2

सासु जेठानी

ससुर अभिमानी

सावन पानी।।-3

क्यों री सखिया

सावन की बगिया

परदेशिया?।।-4

बूँद भिगाए

भर सावन आए

पी बिछलाए।।-5

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ