कविता

कविता – तिरंगा और आज का युवा

मेरे देश के युवा अब सही रास्तो को खो रहा है।
देख के युवाओं की ये हालत,तिरंगा रो रहा है।।

हर जगह देश का नक्शा अपने को एक भागती कन्या जैसा दिखा रहा है।
ऐसे अपमान भरे नजारे देख देख कर तिरंगा हमारा शरमा रहा है।।

लूट रही हर पल अस्मत हमारी बहु-बेटियों की।
फिर भी संसद में बेशर्म नेता शौर मचा रहा है।।

अस्त व्यस्त हालत है आज मेरे देश की सड़को की हर तरफ।
क्योंकि यहाँ हर सरकारी अधिकारी आराम से रिश्वत पचा रहा है।।

बेशर्मी इस कदर हावी है आज हर एक भारतवासी पर।
गलत काम करके भी बेशर्म,घर के बाहर तिरंगा लगा रहा है।।

भगत शुखदेव और राजगुरु से देशभक्त अब कैसे आएंगे।
तिरंगे का अब जैसा हो रहा अपमान,वो ना सह पाएंगे।।

शहीदों और देशभक्तों से सजा है आज फेसबुक व्हाट्सएप्प का बाजार।
देखो आज का देशभक्त,मोबाइल पर देश की रक्षा में लहू बहा रहा है।।

नीरज त्यागी

नीरज त्यागी

पिता का नाम - श्री आनंद कुमार त्यागी माता का नाम - स्व.श्रीमती राज बाला त्यागी ई मेल आईडी- neerajtya@yahoo.in एवं neerajtyagi262@gmail.com ग़ाज़ियाबाद (उ. प्र)