कविता

आलू से सोना !!

डालो इधर से कि अपना बुढ़ापा,
उधर से जवानी छलक आयेगी।

मेरे देश के है युवा की जुबानी,
आलू से सोने कीचमक आयेगी।

सुनो दुनिया वालो, हिन्द की बातें,
जहां में भारत की, धमक जायेगी।

पप्पू की बातों में बिल्कुल न आना,
वर्ना मूर्खों जैसी महक आयेगी।

नादान दोस्त से अच्छा है दुश्मन,
कि पप्पू से तो पीढ़ी बहक जायेगी।

हृदय जौनपुरी

हृदय नारायण सिंह

मैं जौनपुर जिले से गाँव सरसौड़ा का रहवासी हूँ,मेरी शिक्षा बी ,ए, तिलकधारी का का लेख जौनपुर से हुई है,विगत् 32 बरसों से मैं मध्यप्रदेश के धार जिले में एक कंपनी में कार्यरत हूँ,वर्तमान में मैं कंपनी में डायरेक्टर के तौर पर कार्यरत हूँ,हमारी कंपनी मध्य प्रदेश की नं-1 कम्पनी है,जो कि मोयरा सीरिया के नाम से प्रसिद्ध है। कविता लेखन मेरा बस शौक है,जो कि मुझे बचपन से ही है, जब मैं क्लास 3-4 मे था तभी से

2 thoughts on “आलू से सोना !!

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत खूब !

    • हृदय नारायण सिंह

      धन्यवाद महोदय।

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