कविता

बेटियाँ

बेटियां प्रकृति की देन है,
बेटियां देवदूत,देव कन्याएँ है,
कोमल इनकी भावनाएँ है,
बेटियां अप्सराएँ है,
लक्ष्मी, सरस्वती, सावित्री है।

बेटियां अन्नपूर्णा सी उपमाएँ
बेटियां वेदों सी पवित्र है,
बेटियां संस्कारो की धरोहर है,
बेटियां नव निर्माण की कल्पनाएँ ,
बेटियां ईश्रवर का लेख है।

बेटियां खिलती कलियां है,
बेटियां संस्कृति की परिचारक है,
बेटियां संस्कारो की धरोहर है,
बेटियां ज्ञान की सहस्त्र धाराएं है,
बेटियां नव निर्माण की कल्पनाएँ ,

बेटियां धरती सी सहनशील होती है,
बेटियां माता पिता का हृदय होती है,
बेटियां अंतरिक्ष को छू रही है,
बेटियां मां बाप के सपनो को पूरा कर रही है,
बेटियां विधि का विधान व भाग्यवान होती है ।।

✍कालिका प्रसाद सेमवाल

कालिका प्रसाद सेमवाल

प्रवक्ता जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, रतूडा़, रुद्रप्रयाग ( उत्तराखण्ड) पिन 246171