बाल कविताशिशुगीत

बापू

बाल काव्य सुमन संग्रह से बाल गीत

10.बापू
स्वतंत्रता के अथक पुजारी,
विश्ववंद्य हे प्यारे बापू,
सत्य-अहिंसा-प्रेम-सरलता,
जग को सिखाने आए बापू.
साक्षरता की जगमग ज्योति,
जग में जलाने आए बापू,
मानवता की ध्वजा-पताका,
फहराने आए थे बापू.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “बापू

  • लीला तिवानी

    सत्य-अहिंसा के पुजारी बापू ने देश के प्रति अपने कर्त्तव्य को भलीभांति निभाया. इसलिए जीते जी वे राष्ट्रपिता और बापू की सम्मनित उपाधि से विभूषित किए गए.

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