कविता

जननायक

भारत की माटी के कण-कण में महक तुम्हारी |
जन – जन  के कल्याण की जननीति तुम्हारी ||
सदा सुगंधित रहेगी यादों की बगिया प्यारी-प्यारी |
गौरवपूर्ण आस्था संविधान में रही हमेशा तुम्हारी ||
अद्भुत – मनमोहक,  शुद्ध – सरल  कवि  हृदय  ‘अटल’ |
माँ भारती के सच्चे सेवक, हिंदी मान बढ़ाया विश्वपटल ||
सत्य, न्याय  पथ  पर  हो  निडर  आगे  बढ़ते  चले  गये |
निस्वार्थभाव से की जनता की सेवा, जननायक बन गये ||
चढ़ाके  पाक  की छाती पर सेना, सीमा पर जयघोष किया |
तूफां से लड़ने वाले ‘अटल’ भारतमाँ पे सर्वस्व अर्पण किया ||
करके राजधर्म का निर्वाहन भारतमाता का मान बढ़ाया |
प्रतिबन्धों  से  बेअसर  राजनीति  को दागमुक्त बनाया ||
राष्ट्रसाधना प्रथम रही जीवन में जन नायक तुम्हारी |
तुम्हें खोकर हे अटल ! नम आंखें हुईं आज हमारी ||
भारत माता  की  माटी  के कण – कण में महक तुम्हारी |
जब तक सूरज-चाँद रहेगा तब तक पहचान रहे तुम्हारी ||
मुकेश कुमार ऋषि वर्मा 

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111