भजन/भावगीत

द्वार खुले प्रभु रखते

भक्तों को दर्शन देने को द्वार खुले प्रभु रखते 
इसीलिए भोले कहलाते इतनी कृपा करते-तेरी जय हो भोले, तेरी जय हो भोले(2)

1.सबको देते महल-माड़ियां, खुद पर्वत पर रहते
आनंद-ही-आनंद देते चाहे भक्त शिकायत करते- तेरी जय हो भोले(2)

2.सबको देते खूब गाड़ियां, बैलों पर खुद घूमें
भक्तों को कहते विमान में घूम गगन को चूमें- तेरी जय हो भोले(2)

3.सबको देते वस्त्र सजीले, खुद ओढ़ें मृगछाला
भक्तों को खुश देख खुशी को पाते हैं प्रतिपाला- तेरी जय हो भोले(2)

4.आक-धतूरा-बेल-फूल-फल-जल से खुश हो जाते
तीन लोक के स्वामी सबको सब कुछ दे हर्षाते- तेरी जय हो भोले(2)

(तर्ज़-विनय सुनो हे स्वामी सबका जीवनधन सरसाओ———–)

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “द्वार खुले प्रभु रखते

  • लीला तिवानी

    उत्तर और दक्षिण भारत में जहां रक्षाबंधन के त्‍योहार के साथ सावन के महीने का समापन हो गया वहीं देश के एक एक राज्‍य में अभी सावन का महीना चल ही रहा है और यहां आज सावन का तीसरा सोमवार मनाया जा रहा है। इस अवसर पर शिव मंदिरों में भक्तों की लंबी कतार लगी है। यह राज्य है गुजरात यहां सोमनाथ और नागेश्वर दो ज्योतिर्लिंगों की पूजा के लिए देश के अलग-अलग भागों से भक्त पहुंचे हैं।

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