राजनीति

समाजवादियों का महा जुमला है विष्णु मंदिर का वादा

समाजवादी दल ने भी आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारियां प्रारभ कर दी हैं। साथ ही सभी राजनैतिक दलों की तरह जनता के सााथ चुनावी वायदे भी आरम्भ करने शुरू कर दिये हैं। वहीं समाजवादी नेता पूरी तरह प्रदेश की बीजेपी सरकार को 70 साल के इतिहास की सबसे गंदी व असफल सरकार बताकर हमला भी कर रहे हैं। फूलपुर व गोरखपुर तथा कैराना आदि उपचुनावों में महागठबंधन बनाकर बीजेपी को झटका भी दे चुके हैं।
यही कारण है कि वह एक बार फिर महागठबंधन व छलावे वाली राजनीति के बल पर जनमानस को धोखा देकर अपनी चुनावी रणनीति को सफलता तक पहुंचाने का लोकतांत्रिक सपना देख रहे हैं। प्रदेश के राजनैतिक इतिहास में तथाकथित समाजवादी दल ने हिंदू समाज के प्रति किस प्रकार का रवैया अपनाया था वह प्रदेश का हिंदू जनमानस अच्छी तरह से समझता है तथा उसे भी वह भयावह रातें व दिन अच्छी तरह से याद हैं। जब 1990 में तत्कालीन समाजवादी मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने निहत्थे कारसेवकों के हुजूम पर गोलियां चलवा दी थीं। अगर आज स्वतंत्रता के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए यदि सबसे बड़ी बाधा कोई खड़ी कर रहा है तो वह समाजवादी और बहुजन समाजवादी तथा उसके पीछे कांग्रेस पार्टी ही है। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद पर काग्रेंस के वकीलों ने किस प्रकार से पूरे मामले को घुमाने का प्रयास किया है वह भी हिंदू समाज अच्छी तरह से देख व सुन रहा था। सुप्रीम कोर्ट में कपिल सब्बल ने अयोध्या विवाद की सुनवाई को 2019 के बाद तक टालने की मांग कर डाली थी जिसके कारण कांग्रेस को गुजरात चनाव में पराजय का मुँह भी देखना पड़ा था।
प्रदेश में हिंदू समाज के साथ सबसे अधिक सौतेला व्यवहार यदि किसी सरकारों में किया जाता रहा है तो वह समाजवादी और बहुजन समाजवादी दल ही हैं। आज जब प्रदेश में हिंदू समाज सुरक्षित व गर्व महसूस कर रहा है तब एक बार फिर इन दलों ने अपना बहुरूपिये वाला मुखौटा सार्वजनिक करना शुरू कर दिया है। समाजवादी अपना शासन भूल गये हैं। यह समाजवदी हे जिनके शासनकाल में हिंदुओं की बहु-बेटियों को भरी दोपहरी में घर से बाहर निकलना दूभर हो गया था। पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हिंदू समाज के लोग इस्लामी आतंक को प्राप्त सरकारी संरक्षण के कारण पलायन के लिए मजबूर होना पड़ रहा था। गांव-गांव में हिंदू समाज त्राहि-त्राहि करने लग गया था। वह व्यापक परिवर्तन चाहने लग गया था। गांवों में मंदिरों से लाउडस्पीकर उतरवा दिये जाते थे तथा घरों में धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करवाना एक बड़ी समस्या बन गया था। समाजवादी सरकार के कार्यकाल में कई ऐसी घटनायें घटी हैं जिनमें गांवों में घरों में कोई धार्मिक आयोजित होने पर उन घरों तथा महिलाओं पर सुनियोजित तरीके से हमले करवाये जाते थे समारोह में शामिल महिलाओं के साथ छेड़खानी की घटनाओं को अंजाम दिया जाता था। मुजफ्फरनगर का दंगा प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा दंगा समाजवादी सरकार के शासनकाल में ही हुआ था। प्रतिदिन कम से कम दस दंगे होते थे तथा दंगों की बाढ़ आ गयी थी।
प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद समाजवादी गुंडों पर लगाम लग चुकी है। ये लोग अब तिलमिला रहे हैं। समाजवादी सरकार में मुस्लिम तुष्टीकरण के नाम पर महाघोटाले हुए हैं। घोटालेबाजों की जांच चल रही है समाजवादी सरकार के सबसे बड़े मुस्लिम चेहरे आजम खान पर गिरफ्तारी की तलवार लगातार लटक रही है।
पूर्व सपा नेता अमर सिंह ने समाजवादियों को नमाजवादी कहकर संबोधित किया है। यह पूरी तरह से सत्य है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सरकारी बंगले को खाली करने को लेकर जिस प्रकार की पैतरेबाजी की तथा वहां पर तोड़-फोड़ करवा दी तथा गोमती रिवर फ्रंट सहित पता नहीं कितने अरबों के घोटाले कर डाले हैं, सभी की जांच चल रही है।
अब यही अखिलेश यादव अपनी छवि को बदलने के लिए काफी बेकरार हो रहे हैं तथा छटपटा रहे हैं। अपनी छवि को राहुल गांधी तर्ज पर उदार छवि की दिखाने के लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने यमुना व चंबल के किनारे के बीहड़ों की जमीन पर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार बनने पर कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर की तर्ज पर 2000 एकड़ से अधिक की जमीन पर भव्य विष्णु मंदिर बनवाने का ऐलान किया है। यहां पर विष्णु नगर भी बसाया जायेगा।
समाजवादियों व राजनैतिक विश्लेषकों का यह मानना कि सपा मुखिया की इस ताजा घोषणा से बीजेपी बैकफुट पर आ गयी है बहुत बड़ी अज्ञानता का परिचायक हैं। समाजवादियों ने हिंदू समाज को बहुत अधिक गहरे घाव दिये हैं तथा अयोध्या मेें निहत्थे व पूरी तरह से निर्दोष कारसेवकों के साथ बर्बरतापूर्वक सरकारी आदेशों के तहत माब लिंचिंग की गयी है। समाजवादियों ने मानसिक शारीरिक व आर्थिक रूप से भी हिंदू समाज की कमर तोड़कर रख दी थी। ये लोग कतई मंदिर नहीं बनवा सकते है। हिंदू समाज को धोखा देने के लिए केवल समाजवादी जुमला है। समाजवादियों को यदि हिंदुओं के बीच अपनी छवि में सुधार करना है तो संपूर्ण हिंदू समाज से अयोध्या में किये गये नरसंहार व उसके बाद भड़के दंगों में जिस प्रकार से हिंदू समाज के प्र्रति अत्याचार किया गया तथा उसको प्रताड़ित किया गया तथा समाजवादी मुखिया लगातार अपने बयानों से हिंदू समाज को प्रताड़ित कर रहे है। वह तथा उनके पिता आगे आकर हिंदू समाज से अपने कृत्यों के लिए माफी मांगें। तब उदार हिंदू समाज कुछ सोच सकता है। पहले समाजवादी नेता राम मंदिर के प्रति अपनी आस्था को जगजाहिर करें तब वे विष्णु मंदिर का ऐलान करें, अन्यथा हिंदू समाज को ऐसे तथाकथित बहुरूपिये समाजवादियों से बेहद सतर्क रहना होगा। समाजवादी दल के नेता व प्रवक्ता भी अभी यह बात समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर सपा मुखिया ने विष्णु मंदिर बनाने का ऐलान करके कौन सा किला फतह कर लिया है। समाजवादियों में मुस्लिम वोट बैंक का इतना जबर्दस्त क्रेज हेै कि उन्होंने इस विषय पर फिलहाल किसी प्रकार की बयानबाजी करने से ही मना कर दिया हैं तथा वह बगलें झांकने लग गये हैं। अभी से जब यह हाल है तो इस प्रकार की बातें जुमलेबाजी ही कही जायेगी।
मृत्युंजय दीक्षित