कविता_मोदी
हिन्द का जगमग दीप है मोदी ! की मोती भरा ये शीप है मोदी !!१ अब राणा की तलवार है
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Read Moreजान लेंगी मेरी आज ये हिचकियां याद आती रही वस्ल की मस्तियां रास आने लगी जब से तन्हाइयां फुसफुसाती रही
Read Moreआज मैं बहुत प्रसन्न हूँ। चार वर्ष पहले मैंने मोदी जी की योग्यता और दूरदर्शिता पर जो विश्वास व्यक्त किया
Read Moreझूले लुभा रहे हैं मन को , कहीं छिपी मनुहार है ! बाग बगीचे भरे पड़े हैं , अधर बसी
Read Moreआम के पेड़ पर एक सुंदर सा घोंसला था और उस घोंसले में रहती थी एक छोटी सी प्यारी सी
Read Moreआजादी को देश की, बीते कितने साल वीरों के बलिदान से, हुई धरा ये लाल हुई धरा ये लाल, दर्द
Read Moreइस कथित लोकतांत्रिक व्यवस्था में सभी नियम कायदे कानूनों का दो तरह से प्रयोग किया जाता है ,एक ही कानून
Read Moreदिनांक 10-8-18 को प्रकाशित आपके सम्मानित समाचार पत्र में “काँवड़ यात्री बने कुछ गुँडों ” द्वारा कथित धर्म के नाम पर
Read Moreवर्तमान समाज और देश की हालात का जायजा, सुदर्शन लिखित कहानी के उस उद्धरण से शुरू कर रहा हूँ ,जब
Read Moreभारत के कुछ राष्ट्रीय ,जागरूक और निर्भीक कहे जाने वाले समाचार पत्र ,आज के उन्नत वैज्ञानिक युग में भी आश्चर्यजनक
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