लघुकथा

नए दंपत्ती

अपने नए किरायेदार के बारे में जानकारी लेते हुए मकानमालिक ने पूछा ,” आप शादीशुदा तो हो न ? वो क्या है न कि कुँवारे लोगों को किरायेदार रखना इस सोसाइटी में मना है । “
” जी बिलकुल ! मुझे पता है यह नियम ! मैं शादीशुदा हूँ ! “
” क्या नाम है आपका ? “
” जी सुरेश ! “
 ” और आपकी पत्नी का नाम ? “
 ” रमेश ! “
 ” अरे मैंने पत्नी का नाम पूछा है , भाई का नहीं ? “
” मैंने भी अपनी पत्नी का ही नाम बताया है । शायद नया कानून आपको नहीं पता ! “

*राजकुमार कांदु

मुंबई के नजदीक मेरी रिहाइश । लेखन मेरे अंतर्मन की फरमाइश ।