मुक्तक/दोहा

“मुक्तक”

हिंदी सिर बिंदी सजी, सजा सितंबर माह।
अपनी भाषा को मिला, संवैधानिक छाँह।
चौदह तारिख खिल गया, दे दर्जा सम्मान-
धूम-धाम से मन रहा, प्रिय त्यौहारी चाह॥-1

बहुत बधाई आप को, देशज मीठी बोल।
सगरी भाषा बहन सम, मिल जाती दिल खोल।
लिखना-पढ़ना सहज है, अक्षर शब्द समान-
भाव-भंगिमा आपसी, हिंदी है अनमोल॥-2

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ