लघुकथा

नया जमाना

अपने छोटे बालों को समेट कर सिर पर गोल टोपी लगाने के बाद जिंस और टी शर्ट पहने हुए मधु को देखकर कोई नहीं कह सकता था कि वह लड़की है । लगभग दो साल पहले माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले के बाद देश में गे और लेस्बियन संबंधों को कानूनन मान्यता मिल गई थी । अपने अरमानों का खुलकर इजहार करते हुए टिया और मधु दोनों लेस्बियन लड़कियां साथ ही रहती थीं । टिया कोमलांगी थी जबकि मधु कद काठी और दबंगई में किसी पुरुष से कम न थी ।
शाम को मधु अपेक्षाकृत जल्दी घर पहुँची और दरवाजे पर ही टिया को एक युवक से गले मिलते देखकर आपे से बाहर हो गई । अभी वह कुछ कहने ही वाली थी कि टिया की नजर मधु पर पड़ गई । उस युवक को परे हटाते हुए ख़ुशी से चहकते हुए टिया चिल्लाई ,” अच्छा हुआ जानू तुम आज जल्दी घर आ गए । इनसे मिलो ! ये हैं मेरी फेसबुक फ्रेंड मिसेस रस्तोगी !  “

*राजकुमार कांदु

मुंबई के नजदीक मेरी रिहाइश । लेखन मेरे अंतर्मन की फरमाइश ।