कविता

मेरी कविताएँ

मेरी कविताएँ
नहीं होना चाहती शामिल
निरर्थक आपाधापी में
शेयर,लाइक,कमेंट्स की
झूठी मक्कारी में
जहाँ
भाव,अर्थ
सब नदारद हैं
किसी
शीर्ष स्थान की
तैयारी में

मेरी कविताऍं
बात करना चाहती हैं
उन सभी मुद्दों पर
जिनको दुत्कारा गया है
जिनको रास्ते से धकेल कर हटाया गया है
जिनको उपेक्षित किया गया है
मात्र इस बात के लिए कि
वो इस समाज में “फिट”नहीं बैठते
जो गरीबी,भूखमरी,लाचारी और बेरोज़गारी देखकर
नाक भौंह नहीं सिकोरते

जिन्हें
दर्द पता है
दलित,किन्नर,अछूत,विकलांगों का
जिन्हें
मालूम है
औरतों,बच्चों,बूढ़ों की असमर्थता
और
जिन्हे
घिन्न आती है
राजनितिक विकल्पहीनता
पारिस्थितिक मौन
और
सामाजिक नपुंसकता पर

और
जो सदैव
तैयार रहती हैं
विपक्ष का विद्वेष झेलने को
प्रकाशकों द्वारा अस्वीकृत होने को
और
रोज़ इसी तरह की
एक अनंत यात्रा पर निकलने को

सलिल सरोज

*सलिल सरोज

जन्म: 3 मार्च,1987,बेगूसराय जिले के नौलागढ़ गाँव में(बिहार)। शिक्षा: आरंभिक शिक्षा सैनिक स्कूल, तिलैया, कोडरमा,झारखंड से। जी.डी. कॉलेज,बेगूसराय, बिहार (इग्नू)से अंग्रेजी में बी.ए(2007),जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय , नई दिल्ली से रूसी भाषा में बी.ए(2011), जीजस एन्ड मेरी कॉलेज,चाणक्यपुरी(इग्नू)से समाजशास्त्र में एम.ए(2015)। प्रयास: Remember Complete Dictionary का सह-अनुवादन,Splendid World Infermatica Study का सह-सम्पादन, स्थानीय पत्रिका"कोशिश" का संपादन एवं प्रकाशन, "मित्र-मधुर"पत्रिका में कविताओं का चुनाव। सम्प्रति: सामाजिक मुद्दों पर स्वतंत्र विचार एवं ज्वलन्त विषयों पर पैनी नज़र। सोशल मीडिया पर साहित्यिक धरोहर को जीवित रखने की अनवरत कोशिश। आजीविका - कार्यकारी अधिकारी, लोकसभा सचिवालय, संसद भवन, नई दिल्ली पता- B 302 तीसरी मंजिल सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट मुखर्जी नगर नई दिल्ली-110009 ईमेल : salilmumtaz@gmail.com