गीतिका/ग़ज़ल

गजल

सजन तेरी याद हमे
जीने न देती
जीने ना देती हो ,
सजन तेरी…….

जब से तेरी मै पहनू
माँग मे सिंदूर
जब से तेरी मै पहनू
माथे पर बिंदी
तब से हुई मै दीवानी
सजन तेरी……..

सागर से जल गागर लाऊँ
तब जाकर मै पिया संग गाऊँ
गाती हूँ प्रीत सुहानी
सजन तेरी …….

दिन रात प्रभु बाट निहारु
बाट निहारू तेरी छवि निहारू
कब तेरी दर्शन पाऊ
सजन तेरी याद हमे ….

सात समंदर मै पार कर आई
तब जाकर पिया दर्शन पायी
आए बहार ले आए
सजन ………………

बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी (स्नातकोत्तर छात्रा) पता -चेनारी रोहतास सासाराम बिहार।