गीत/नवगीत

मोहब्बत

दिल  भूलता  नहीं  क्यूं , वो  मोहब्बत  तेरी।
रहती  है   साथ साथ वो ,  मासूमियत  तेरी।
दिल भूलता नहीं ,,,,,,,,,,,,,,
क्यूं  टीसता  है दर्द , अब  भी  कल्बो ज़िगर,
रौशन है अब भी  रुह का, वो  शान-ए-बसर,
काबिज़ है दिलमें अब भी,वो शख़्शियत तेरी।
दिल भूलता नहीं ,,,,,,,,,,,,,,
 लम्हें  दर  लम्हे  ये , गुज़रते   हुये  लम्हात ,
बढ़  रही  है  साथ  में , शिकस्ता  ये  हयात ,
तनहाईयों  में  शामिल , है  अहमियत  तेरी ।
दिल भूलता नहीं ,,,,,,,,,,,,,,,,,
क्यूं जला के चल दिये यूं, दिल का आशियां,
बाकी  है  फिर भी  कुछ तो , राब्ता दरमियां,
यादों  की  आहों  से है , बयां ख़ासियत तेरी।
दिल भूलता नहीं ,,,,,,,,,,,,,,,,
यादों  के  चराग़ों  से  यूं , जलने लगी शमा ,
आंखों  में  आ  गये  हैं , अश्कों  के कारवां ,
 छाई  है  अंजुमन  में  यूं , रुहानियत  तेरी ।
दिल भूलता नहीं ,,,,,,,,,,,,,,,,
पुष्पा “स्वाती”

*पुष्पा अवस्थी "स्वाती"

एम,ए ,( हिंदी) साहित्य रत्न मो० नं० 83560 72460 pushpa.awasthi211@gmail.com प्रकाशित पुस्तकें - भूली बिसरी यादें ( गजल गीत कविता संग्रह) तपती दोपहर के साए (गज़ल संग्रह) काव्य क्षेत्र में आपको वर्तमान अंकुर अखबार की, वर्तमान काव्य अंकुर ग्रुप द्वारा, केन्द्रीय संस्कृति मंत्री श्री के कर कमलों से काव्य रश्मि सम्मान से दिल्ली में नवाजा जा चुका है