गीत
जाने-अनजाने ही जुड़ गई तुमसे मेरी हर अभिलाषा तुम्हें समर्पित मेरा जीवन अर्पण तुमको ही हर आशा मन-मंदिर में जो
Read Moreथोड़ा सहज हो जाने के बाद डी.एस.पी. साहब रूपा को अपने घर ले आए थे. अपनी पत्नि स्नेहा को रूपा
Read Moreओ३म् संसार में मुख्यतः दो प्रकार की जीवन शैली एवं संस्कृतियां हैं। एक त्याग की ओर प्रवृत्त करती हैं तो
Read Moreएक समृद्ध व्यापारी था जिसकी 4 पत्नियां थीं। वह चौथी पत्नी से सबसे ज्यादा प्यार करता था और उसे समृद्ध
Read Moreएक बड़े शहर की पॉश कॉलोनी में बनवारी नाम का सब्जी वाला लगातार सब्जियां भेजने के लिए एक आता था।
Read Moreगुजर गया तूफान भी , पर उसे हिला ना पाया। मील के पत्थर ने हमेशा अपना फर्ज निभाया।। रहा स्थिर
Read Moreबून्द-बून्द सी टपक रही है जिंदगी। हर पल हर दम रिश रही है जिंदगी। चट्टानों सा खुद को समझने वालों,
Read More“जीवन-संध्या” बरसों से यूँ ख़ामोश खड़ा निहार रहा हूँ आते-जाते एक एक राहगीर को । कभी वो बैठा करते थे
Read More