गज़ल
बस कुछ कर गुज़रना चाहता हूँ ज़माने को बदलना चाहता हूँ जहां को रोशनी देने की खातिर बनके शम्स जलना
Read Moreआज रक्षा-बंधन का अवकाश है । नौकरीपेशा रहम़त की भी छुट्टी थी । अपने दैनिक कार्यों से निवृत होकर दोपहर
Read Moreहर साल हमारे देश में करोड़ों कृष्ण पैदा लेते रहे हैं। कोई नई बात नहीं है। शास्त्रीय गणना के अनुसार,
Read Moreमां मैं तुम्हारे अंदर हूं मुझे मत मारो मैं भी जीना चाहती हूं दुनिया देखना चाहती हूं मां मैं तो
Read More“भोजपुरी गीत” कइसे जईबू गोरी छलकत गगरिया, डगरिया में शोर हो गइल कहीं बैठल होइहें छुपि के साँवरिया, नजरिया में
Read Moreलीलाधारी प्रभु कृष्ण जन्माष्टमी के परम पावन पुनीत अवसर पर आप सभी महानुभावों को हार्दिक बधाई! कजरी की शादी बड़ी
Read More#जिद्दी_लल्ला….😊 रूठ गयो है कान्हा मेरो थकी मना महतारी। माखन मिस्री से न माने लगी बुरी लत भारी। जिद कर
Read Moreदिन हो, रात हो अब युवा हिन्द के करते आराम नहीं समाज बदल रहा है युवा, व्याकुलता का अब काम
Read Moreजवानी जो आई बचपन की हुड़दंगी चली गई दफ़्तरी से हुए वाबस्ता१ तो आवारगी चली गई शौक़ अब रहे न
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