नवजातिवाद की जगह विकलांगों, अनाथों, ज़रूरतमन्दों के हित को मानते थे सरदार पटेल। विकलांग वीर बच्चूसिंह भी अपने राजनीतिक जीवन मे उनके साथी थे। जब नेहरू और माउंटबेटन ने भारत एकीकरण में शामिल हुए विकलांग वीर...
मेरे प्यारे बेटे राजा जल्दी से घर आ जाओ। दिवाली पर राह तके माँ, कुछ दीप तुम भी जला जाओ, आज बनाई घर मे गुजिया मीठी, मावे की जगह प्यार भरा है इस मे और बनाई...
इक यही मंजर दिखाई दे रहा है हर तरफ़ बस ड़र दिखाई दे रहा है हो रहा है मजहबों के नाम पर जो सिर्फ आड़म्बर दिखाई दे रहा है कह रहे हैं आप आलीशान जिसको घर...
ममता की परीक्षा ( भाग – 10 ) ‘ …………और फिर तुम्हारा उसके पिताजी के बारे में झूठ बोलना कि वो तुमसे मिले थे और तुमसे ये सब बातें की थीं । क्या मिलेगा तुम्हें उससे...
मतलब , जी हाँ मतलब , न जाने मैं क्यों इतना ‘बदनाम’ हूँ , अरे मैं ही तो हर रिश्ते की ‘जान’ हूँ, नातेदारी हो या दोस्ती मैं ही सबकी ‘फ़रियाद’ हूँ, मैं ही हर रिश्ते...
उफ़ जूही… कितने पसन्द हैं तुम्हे जूते? बड़ी हो जाओ तुम्हारे लिए जूतों की दूकान ही खोल देंगे…’ दिव्या ने हँसते हुए जूही के गाल पर हल्की सी चपत लगायी ‘मम्मा सिर्फ एक और ये पिंक...
‘अरे ज़रा नमक लेती आना सब्ज़ी में कम रह गया है और रोटी ज़रा पतली …’ वाक्य अधूरा रह गया विद्यादत्त का ‘कभी कभार नमक कम भी खा लोगे तो कुछ बिगड़ेगा नहीं तुम्हारा… एक...
इस रस्म की शुरुआत बस मेरे बाद कीजिए जिनसे रौशन है हुश्न, उन्हीं को बर्बाद कीजिए गर पूरी होती हो यूँ ही आपके ख़्वाबों की ताबीरें तो खुद को बुलबुल और मुझे सैय्याद कीजिए ये कि...
” प्रथम प्रणय ” प्रथम प्रणय की वो अनुभूति वो निश्छल दो नैनों की भाषा , ह्रदय की वो आतुरता और मन की निशब्द अभिलाषा । प्रयास तुम्हारी आंखों का पढ़ना मेरी आंखों की भाषा ,...
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