कविता

कौन हो तुम

दोस्त हो या प्यार हो
या कोई अहसास हो तुम

शब्दों के जाल में उलझे हो तुम
पर मेरे लिए तो खास हो तुम

आँखो का पानी हो तुम
मुँह पे रौनक हो तुम

सांसो की जरुरत हो तुम
धड़कन की ठंडक हो तुम

नाम तुम्हारा कुछ भी हो
पर मेरे लिए तो खास हो तुम

रातों के सपनो में तुम
पूजा के घंटी में तुम

सुख चैन में तुम
दुःख दर्द में तुम

सूरज के लाली में तुम
चाँद के रौशनी में तुम

मेरे साथ भी हो तुम
मेरे से दूर भी हो तुम

नाम तुम्हारा कुछ भी हो
पर मेरे लिए तो खास हो तुम

रवि प्रभात

पुणे में एक आईटी कम्पनी में तकनीकी प्रमुख. Visit my site