ब्लॉग/परिचर्चा

जन्म दिन की बधाई: मनजीत को पत्र

प्रिय सखी मनजीत कौर जी,
                      जन्मदिन मुबारक हो,
आपका जन्मदिन हम और हमारे पाठक मिलकर मना रहे हैं. अभी हाल में ही अपना ब्लॉग और हमारे ब्लॉग के साथ एक नए ब्लॉगर-पाठक-कामेंटेटर भाई जुड़े हैं. उनकी पैनी धारदार लेखनी में गज़ब का जादू है और प्रतिभा, लगन और उत्साह के वे शहनशाह हैं. हमने विशेष सदाबहार कैलेंडर-114 में लिखा था-
”11 अक्तूबर को हमारी एक पाठक-कामेंटेटर सखी का जन्मदिन है. इसलिए अगला विशेष सदाबहार कैलेंडर जन्मदिन स्पेशल होगा. कृपया उसके लिए छोटी-छोटी कविताएं, बधाई व शुभकामना संदेश भेजें.”
हमारे इन नए ब्लॉगर-पाठक-कामेंटेटर भाई ने आपके लिए पूरा एक ब्लॉग ही लिख भेजा है. मजे की बात यह है कि इनको न उस सखी का नाम मालूम था, न यह कि वह एक टीचर हैं, रेडियो सखी हैं, जानी-मानी लेखिका हैं, श्रेष्ठ पाठक-कामेंटेटर हैं, कॉर्डों की महारानी हैं, बावजूद इसके उन्होंने जो आलेख लिखा है वह इन सब खूबियों को समेटे हुए है.

 

 

आइए उनका नाम बताने से पहले आपको उनकी प्रतिक्रियाओं की थोड़ी-सी बानगी दिखाए देते हैं-

 

ब्लॉग- कमाल के किस्से-4

आदरणीय दीदी. सादर प्रणाम. देश विदेश में हो रहे कमाल पर आपकी पैनी दृष्टि भी कमाल की है. कमाल की कड़ी का मुख्य कमाल यह भी है. हार्दिक बधाई.

 

ब्लॉग- किडनी-उपहार (लघुकथा)

माननीया महोदया, सादर प्रणाम. जिस प्रकार गंगोत्री अपने उद्गम से आरंभ होकर भारत में अलग अलग रूपों में बह कर लाभान्वित करती है उसी प्रकार आप रचनाओं, संस्मरणों, संकलनों और ऐसी महत्वपूर्ण और समाज में जागृति लाने वाली खबरों को गंगा की विभिन्न धाराओं की तरह प्रवाहित कर जन मानस तक पहुँचा कर अनूठा कार्य कर रही हैं जिसके लिये आपको हार्दिक बधाई.

 

इस ब्लॉग का शीर्षक ‘जन्म दिन की बधाई’ भी इन्हीं का दिया हुआ है. इनका नाम है- ”सुदर्शन खन्ना”.

 

जन्म दिन की बधाई

जीवन जन्म लेते ही एक अनिश्चित पहाड़ रूपी यात्रा है जो जन्म लेने वाला उसी पल से ही चलना शुरू कर देता है. सम्पूर्ण जीवन विभिन्न भागों में बंटा होता है. जीवन की यात्रा के इस पथ को हमने अपनी सहूलियत के अनुसार अंकित किया है जैसे मापने वाला एक स्केल अंकित किया होता है, जिसमें छोटी छोटी लकीरें और फिर एक बड़ी लकीर बताती है कि आप इतने अंश की यात्रा कर चुके. इसी स्केलनुमा समय के पथ पर अंकित होती हैं आपके जन्म दिवस रूपी बड़ी लकीरें. जब आप दो बड़ी लकीरों के बीच का फासला तय कर लेते हैं तो कहते हैं एक बरस पूरा हो गया. जब-जब हमारी यात्रा बड़ी लकीर को छूती है तो हम जन्म दिवस मनाते हैं. यह लकीर हमें यह अवसर भी देती है कि हम मुड़ कर देखें कि हमने क्या खोया और क्या पाया. इसी लकीर पर खड़े होकर हम आगे देखते हैं कि हमने क्या लक्ष्य तय किया था और कितना साध लिया. इस पहाड़ रूपी यात्रा की चढ़ाई पर हम जब कुछ ऊपर पहुंच कर पीछे देख यह आकलन करते हैं कि हम कितना आ गये तो हमें खुशी होती है और कितना जाना है यह अनुमान लगाने से दृढ़ता से लक्ष्य की ओर बढ़ने की शक्ति आती है. इसी राह पर चलते हुए अपना ब्लॉग की एक सखी आज उस बड़ी लकीर पर आ पहुंची है जिसे जन्म दिवस की संज्ञा दी गई है. मुझे आशा है कि उन्होंने अनेक उपलब्धियां प्राप्त कर ली होंगी और आने वाले जीवन में और भी अनेक उपलब्धियां हासिल करेंगी. उनकी यह जीवन यात्रा निर्बाध गति से चलती रहे और वह स्वस्थ रहते हुए दीर्घायु हों, ऐसी प्रभु से कामना करता हूं.
सुदर्शन खन्ना
कुछ हमारी तरफ से भी-

1.वधाइयां जन्मदिन दियां

जन्मदिन तेरा आया वै, लख-लख होण वधाइयां वै
अज दियां होण वधाइयां वै, पल-पल होण वधाइयां वै-
1.अज दिहाड़ा करमां वाला, रोज-रोज पिया आवै
जन्मदिन तेरा आया वै, लख-लख होण वधाइयां वै-
2.दाता तैनूं बख्शे नेमत, खुशियां होण सवाइयां
जन्मदिन तेरा आया वै, लख-लख होण वधाइयां वै-
3.आसीसां दा मींहं पिया वरसे, याद रखीं उस रब नूं
जन्मदिन तेरा आया वै, लख-लख होण वधाइयां वै-
सबनूं होण वधाइयां वै, लख-लख होण वधाइयां वै-
(तर्ज़—मैं तां यार मनाणा नी, चाहे लोग बोलियां बोलें—–)

 

 

2.कॉर्डों की महारानी- मनजीत

 

कोई है किसी के मन की रानी,
कोई है किसी के महलों की रानी,
कोई है किसी के अधरों की रानी,
आप हैं मनजीत जी, कॉर्डों की महारानी.
रोज़ सुबह गुड मॉर्निंग के जितने कॉर्ड मिलते हैं, भेजती हो,
एक-से-एक चमकदार जितने कॉर्ड मिलते हैं, भेजती हो,
कभी नील परी, कभी गुलाबी परी के जितने कॉर्ड मिलते हैं, भेजती हो,
कभी थैंक यू, कभी गुड नाईट के जितने कॉर्ड मिलते हैं, भेजती हो.
अपने अनमोल समय में से हमारे लिए कितना समय निकालती हो,
कभी कामेंट्स, कभी ई. मेल, कभी कॉर्ड के बहाने मिलती हो,
मेरी फोटो देखकर कुलवंत जी को भी मेरी बहिन लगती हो,
सगी बहिन से भी अधिक प्यार देकर बहुत खुशनुमा तस्वीर-सी दिखती हो.
हमारे ब्लॉग की हमसे भी अधिक चिंता आप करती हो,
ज़रा-सा समय मिलते ही ब्लॉग पर तुरंत सुरीली दस्तक देती हो,
हमारे घर किसी का भी जन्मदिन या शादी की सालगिरह हो,
हमें अनगिनत जन्मदिन कॉर्ड्स का उपहार बहुत प्रेम से देती हो.
रेडियो पर कोयल-सी चहकती हो,
जय-विजय में ब्लॉग्स पर फूलों-सी लहकती हो,
गुरुद्वारे का मंच आपके गायन की प्रतीक्षा करता है,
सारा दिन दूसरों के कल्याण हेतु जीवन व्यतीत करती हो.
दुआ है सदैव खुशियों से आपका जीवन फले-फूले भरपूर रहे,
कष्ट-बाधाएं-कांटे आपके दामन से कोसों-कोसों दूर रहें,
चमकती परियां और महकते सुमन हवाओं के साथ विनम्रता का संदेशा लाएं,
आपके लिए हमारी शुभकामनाएं हैं, कि प्रिय सखी मनजीत कौर जी मशहूर रहें.

 

प्रिय सखी मनजीत जी, आप इसी तरह हंसी-खुशी अपना जन्मदिन मनाती रहें और हम सबको हर्षाती रहें, यही हम सबकी शुभकामना है. आजकल आप अपना ब्लॉग तो देख नहीं पा रही हैं, हम आपको यह आलेख जय विजय पर भी भेजेंगे और ई.मेल से भी.

 

शुभाकांक्षी
जय विजय के सब साथी

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

3 thoughts on “जन्म दिन की बधाई: मनजीत को पत्र

  • लीला तिवानी

    प्रिय सखी मनजीत जी, आपको जन्मदिन मुबारक हो. आपकी उपलब्धियों की यात्रा निर्बाध गति से चलती रहे और आप स्वस्थ रहते हुए दीर्घायु हों, ऐसी प्रभु से हम कामना करते हैं. आज आप अपने साथ बॉलीवुड के शहनशाह अमिताभ बच्चन जी का जन्मदिन भी मना रही होंगी, उनको भी हमारी तरफ से जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं.

    • मनजीत कौर

      आदरणीय प्रिय सखी जी , सुबह आंख खुली तो आप के भेजे हुए मनमोहक कार्डस ,प्यार की खुशबु से महकते हुए फूल, ख़ुशी के खुमार से भरे हुए गुबारे अनमोल दोस्ती की चाशनी में डूबी हुयी मिठाइयाँ और केक,आप की दुआवों और आशीर्वाद भरे सन्देश देख कर दिल खुशी से नाच उठा मैं बहुत खुशकिस्मत हूँ जो जिंदगी के सफ़र में आप जैसी सखी का साथ मिला आप हमेशा मेरा जन्मदिन याद रखती है अपनी दुआयों, आशीर्वाद और प्यार से मेरी झोली भर देती है इतना ही नहीं मैं चाहे दूर हूँ पर मेरे जन्मदिन की महफ़िल सजा कर सभी प्रियजनों ,भाई बहनों संग मिलकर , मुझ पर खूब प्यार लुटाती हैं,आप का दिल की गहराइयों से शुक्रिया जी प्रिय सुदर्शन भाई साहिब जी की हार्दिक शुभकामनायों और बधाई के लिए तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ जी भाई साहब आप के लिखे सुन्दर आलेख ने तो दिल की गहराइयों में उतर कर, जीवन यात्रा के दर्शन करवा दिए ,आप का बहुत शुक्रिया जीवन के सफ़र में सच्चे दोस्तों का साथ, जीवन को खूबसूरत बना देता है ऐसी ही नेक फरिश्ता हैं, मेरी प्रिय सखी लीला जी जो एक पारस है जिनको छूने का मोका रब ने मुझे दिया जिस कारण महफ़िल में आज मेरा ज़िकर हो रहा है वर्ना मैं तो कुछ भी नहीं | नीरू जी और सभी भाई बहनों का जिन्हों ने मेरे जन्म दिन को इतना ख़ास बनाया लाखो दुआए शुभकामनाए और बेपनाह प्यार देकर मुझे सोभाग्यशाली बनाया मेरे दिल को खुशियों से भरा, उसके लिए दिल की गहराइयों से बहुत शुक्रिया मेहरबानी | ….मुझे ख़ुशी मिली इतनी के मन में न समाए …पलक बंद कर लूँ कहीं छलक ही न जाए | प्रिय सखी जी एक बार फिर से आप के प्यार का बहुत शुक्रिया जी

      • लीला तिवानी

        प्रिय सखी मनजीत जी, हमें आपका धन्यवाद ज्ञापन मिल गया था, हमने तुरंत सुदर्शन जी को और नीरू जी को भेज भी दिया था,

        जब आप कुछ मिनटों के लिए किसी की प्रतीक्षा करते हैं,
        तो वह आपकी ”आवश्यकता” है,
        जब आप कुछ घंटों के लिए किसी की प्रतीक्षा करते हैं,
        तो वह आपका ”विश्वास ” है,
        जब आप कुछ सप्ताहों के लिए किसी की प्रतीक्षा करते हैं,
        तो वह आपकी ”मित्रता” है,
        जब उसके कभी न मिलने का पता होते हुए भी प्रतीक्षा करते हैं,
        तो वह आपका ”सच्चा प्यार” है,

        जब हम बड़े हो जाते हैं तो हम अनुभव करते हैं,
        कि यह आवश्यक नहीं है, कि ढेर सारे दोस्त हों,
        आवश्यकता है एक ही सच्चे दोस्त का साथ.

        आप हमारी सच्ची दोस्त हैं. एक बार पुनः आपको हम सबकी तरफ से जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं.

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