कविता

कविता – दीपोत्सव

भेज दिया अरमान तुम्हारा, जो चाहे तुम कर लेना
जितनी भी खुशिया तुम चाहो-अपनी झोली भर लेना

मातु -पिता परिवार हमारा -खुश हो, धर्म हमारा है
जीवन है वरदान उन्ही का -कुछ भी नहीं हमारा है

परहित में जीवन ये बीते -पर हित का ही काम करू
रहे सनातन धर्म हमारा -सदा धर्म का काम करू

कुछ खास नहीं मेरे जीवन में -बस प्रेम शब्द ही आता है
हृदय में एक ख़ास जगह है -वही पर रखने आता है

साथी मेरे हमदम मेरे आवो-खुशियों का अरमान जलाये
नहीं अँधेरा रहे धरा पर -एसा मिल कर दीप जलाये

हृदय जौनपुरी

हृदय नारायण सिंह

मैं जौनपुर जिले से गाँव सरसौड़ा का रहवासी हूँ,मेरी शिक्षा बी ,ए, तिलकधारी का का लेख जौनपुर से हुई है,विगत् 32 बरसों से मैं मध्यप्रदेश के धार जिले में एक कंपनी में कार्यरत हूँ,वर्तमान में मैं कंपनी में डायरेक्टर के तौर पर कार्यरत हूँ,हमारी कंपनी मध्य प्रदेश की नं-1 कम्पनी है,जो कि मोयरा सीरिया के नाम से प्रसिद्ध है। कविता लेखन मेरा बस शौक है,जो कि मुझे बचपन से ही है, जब मैं क्लास 3-4 मे था तभी से