कविता

स्वच्छता के दीप जले

दीप जले सदभाव के  ऐसी ये दीवाली हो।

घर घर रोशन हो सारे  ऐसी ये दीवाली हो।।
शिक्षा के आलोक में  देश के ननिहाल पले।
मिटे अज्ञान अंतर्मन से  ऐसी ये दीवाली हो।।
स्वच्छता के दीप जले  स्वच्छ गाँव ढाणी हो।
मच्छर पनपे नहीं कोई  ऐसी ये दीवाली हो।।
राग द्वेष नफरत मिटे  प्रेम व भाईचारे पनपे।
एक दूजे की मदद करे  ऐसी ये दीवाली हो।।
देश सेवा के सिवाय न कोई मन मे जुनून हो।
भाईचारे के दीपों से जगमग  ये दीवाली हो।।
जाति धर्म की बातें झूंठी इंसानियत धर्म हो।
आदमी से आदमी मिले ऐसी ये दीवाली हो।।
एकता के सूत्र में बंधे हम सब मिलकर भाई।
कोमी एकता के दीपों से सजी ये दीवाली हो।।
कवि राजेश पुरोहित

राजेश पुरोहित

पिता का नाम - शिवनारायण शर्मा माता का नाम - चंद्रकला शर्मा जीवन संगिनी - अनिता शर्मा जन्म तिथि - 5 सितम्बर 1970 शिक्षा - एम ए हिंदी सम्प्रति अध्यापक रा उ मा वि सुलिया प्रकाशित कृतियां 1. आशीर्वाद 2. अभिलाषा 3. काव्यधारा सम्पादित काव्य संकलन राष्ट्रीय स्तर की पत्र पत्रिकाओं में सतत लेखन प्रकाशन सम्मान - 4 दर्ज़न से अधिक साहित्यिक सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित अन्य रुचि - शाकाहार जीवदया नशामुक्ति हेतु प्रचार प्रसार पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य किया संपर्क:- 98 पुरोहित कुटी श्रीराम कॉलोनी भवानीमंडी जिला झालावाड़ राजस्थान पिन 326502 मोबाइल 7073318074 Email 123rkpurohit@gmail.com