कविता

गरीबों के

फाईलों में दब जाते हैं नाम गरीबों के
कुचले जाते हैं इरादे तमाम गरीबो के

पकड़ते हैं पैसे वाले हाथ गिरेबान गरीबों के
बस कागज पर ही खड़े होते मकान गरीबों के

मंच से घोषणाएं सून खड़े होते कान गरीबों के
फिर शिक्षा से वंचित भटक रहे नादान गरीबों के

 

प्रवीण माटी

नाम -प्रवीण माटी गाँव- नौरंगाबाद डाकघर-बामला,भिवानी 127021 हरियाणा मकान नं-100 9873845733