लघुकथा

शुक्रिया

कभी-कभी प्यार और मान-सम्मान ऐसी जगह से मिलता है, जहां से बिलकुल उम्मीद नहीं होती. कोलकाता की रहने वाली नेहा दास के साथ ऐसा ही हुआ.

कुछ दिन पहले दिल्ली में ऑफिस से निकलने के बाद नेहा बाहर ऑटो का इंतजार कर रही थी. इसी बीच एक ऑटोवाला आकर रुका. किराया पूछने पर उसने ऐसा जवाब दिया, जिसे सुनकर नेहा हैरान रह गई.
ऑटो ड्राइवर प्रवीण रंजन ने कहा- ‘मैडम मैं कुछ नहीं लेता लड़कियों से इतनी रात को, उनको ठीक से घर पहुंचाना ज्यादा जरूरी है.’
जब वह घर पहुंच गईं और ऑटो ड्राइवर ने एक्सट्रा चार्ज लेने से मना कर दिया, तब उन्होंने शख्स की फोटो लेने की बात कही. प्रवीण रंजन ने मुस्कुराते हुए हामी भर दी. नेहा ने अपने पोस्ट में रंजन का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि इस तरह के नेक और अच्छे लोगों के लिए भगवान का शुक्रिया. सोशल मीडिया यूजर्स भी प्रवीण रंजन की तारीफ कर रहे है, वहीं कई यूजर्स ने प्रवीण रंजन को सैल्यूट किया है.
प्रवीण रंजन ने इंसानियत की अनोखी मिसाल कायम करके अपना और इंसानियत का मान बढ़ाया है. शुक्रिया भगवान का भी और प्रवीण रंजन का भी.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “शुक्रिया

  • लीला तिवानी

    प्रवीण रंजन जैसे इंसानियत के पुजारियों ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया है, कि धरती पर अब भी इंसानियत जिंदा है, इंसानियत का अह्सास जिंदा है, इंसानियत का सम्मान जिंदा है. इंसानियत के ऐसे पुजारी को हमारे कोटिशः सलाम. ऐसी आपबीती के अनेक किस्से हम बहुत पहले भी प्रस्तुत कर चुके हैं, जिनमें रिक्शावाला भी है, टैक्सीवाला भी.

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