कविता

प्यार

प्यार का अर्थ बहुत व्यापक होता है ।जीवन का सार सिमटा हुआ है इस ढाई शब्द में ।

किसी के लिए प्यार सिर्फ काम है ,
तो किसी के लिए खेल ##
किसी के लिए जाम है
तो किसी के लिए जेल ।
जी सका जो जिंदगी औरों के लिए
क्या कभी मिल पाई उसे खुशी जीने के लिए ।
गुजार कर तमाम उम्र भी जो
किसी का हो न सका
उस बेबफा के लिए प्यार
मंजिल तक पहुंचने का जरिया ही रहा ।
रफू करता रहा उदासियों को ,
मुस्कराहट की खोखली मशीन से ,
बेबजह जिंदगी से जो गलती
खुद की ढूंढ न सका ।
आरती वो दीप की ,
बुझा सकी कब मन का अंधेरा ,
प्यार की लौ जहां अंधेरों को भी
सुराग दे ना सकी ।
प्यार सिर्फ एक तलाश है
संसार के गहरे कूप में ,
जिंदगी ही जब किसी को
जिंदगी दे ना सकी ।
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़

*वर्षा वार्ष्णेय

पति का नाम –श्री गणेश कुमार वार्ष्णेय शिक्षा –ग्रेजुएशन {साहित्यिक अंग्रेजी ,सामान्य अंग्रेजी ,अर्थशास्त्र ,मनोविज्ञान } पता –संगम बिहार कॉलोनी ,गली न .3 नगला तिकोना रोड अलीगढ़{उत्तर प्रदेश} फ़ोन न .. 8868881051, 8439939877 अन्य – समाचार पत्र और किताबों में सामाजिक कुरीतियों और ज्वलंत विषयों पर काव्य सृजन और लेख , पूर्व में अध्यापन कार्य, वर्तमान में स्वतंत्र रूप से लेखन यही है जिंदगी, कविता संग्रह की लेखिका नारी गौरव सम्मान से सम्मानित पुष्पगंधा काव्य संकलन के लिए रचनाकार के लिए सम्मानित {भारत की प्रतिभाशाली हिंदी कवयित्रियाँ }साझा संकलन पुष्पगंधा काव्य संकलन साझा संकलन संदल सुगंध साझा संकलन Pride of women award -2017 Indian trailblezer women Award 2017