ये बालक कैसा? (हाइकु विधा)
अस्थिपिंजर
कफ़न में लिपटा
एक ठूँठ सा।
पूर्ण उपेक्ष्य
मानवी जीवन का
कटु घूँट सा।
स्लेटी बदन
उसपे भाग्य लिखे
मैलों की धार।
कटोरा लिए
एक मूर्त ढो रही
तन का भार।
लाल लोचन
अपलक ताकते
राहगीर को।
सूखे से होंठ
पपड़ी में छिपाए
हर पीर को।
उलझी लटें
बरगद जटा सी
चेहरा ढके।
उपेक्षितसा
भरी राह में खड़ा
कोई ना तके।
शून्य चेहरा
रिक्त फैले नभ सा
है भाव हीन।
जड़े तमाचा
मानवी सभ्यता पे
बालक दीन।
बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’
तिनसुकिया

परिचय - बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
नाम- बासुदेव अग्रवाल; शिक्षा - B. Com. जन्म दिन - 28 अगस्त, 1952; निवास स्थान - तिनसुकिया (असम) रुचि - काव्य की हर विधा में सृजन करना। मुक्त छंद, पारम्परिक छंद, हाइकु, मुक्तक, गीत, ग़ज़ल, इत्यादि। हिंदी साहित्य की पारंपरिक छंदों में विशेष रुचि है और मात्रिक एवं वार्णिक लगभग सभी प्रचलित छंदों में काव्य सृजन में सतत संलग्न हूँ। परिचय - वर्तमान में मैँ असम प्रदेश के तिनसुकिया नगर में हूँ। मैं साहित्य संगम संस्थान, पूर्वोत्तर शाखा का सक्रिय सदस्य हूँ तथा उपाध्यक्ष हूँ। हमारी नियमित रूप से मासिक कवि गोष्ठी होती है जिनमें मैं नियमित रूप से भाग लेता हूँ। साहित्य संगम के माध्यम से मैं देश के प्रतिष्ठित साहित्यिकारों से जुड़ा हुवा हूँ। whatsapp के कई ग्रुप से जुड़ा हुवा हूँ जिससे साहित्यिक कृतियों एवम् विचारों का आदान प्रदान गणमान्य साहित्यकारों से होता रहता है। सम्मान- मेरी रचनाएँ देश के सम्मानित समाचारपत्रों में नियमित रूप से प्रकाशित होती रहती है। हिंदी साहित्य से जुड़े विभिन्न ग्रूप और संस्थानों से कई अलंकरण और प्रसस्ति पत्र नियमित प्राप्त होते रहते हैं। Web Site - nayekavi.com Blog - https: nayekavi.blogspot.com
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