गीत/नवगीत

कविता-मै गुदरी का लाल!!

मै गुदरी का लाल |
नाम मेरा है छोटू- मोटू -वेद प्रकाश है असली नाम |
बच्चा हु तो छोटू कहते -होटल पर है यही बस नाम ||
दुनिया क्या है पता नहीं है -जीवन में है एकही काम |
बर्तन साफ करता छोटू -करे सफाई सुबहो शाम ||
मै गुदरी का लाल |
मै गुदरी का लाल |
पढना चाहा पढ़ नहीं पाया -जीवन बना मेरा संग्राम |
मात पिता का बेबस जीवन -देखू कैसे नरक सामान ||
अंतर्मन में गुंठित जीवन -जीने को बेबस लाचार |
श्राप बना क्यों मेरा जीवन -सुखी रोटी -ढेरो काम ||
मै गुदरी का लाल |
मै गुदरी का लाल |
ठिठुरे बदन ,चीथड़े वसन-झोपड़े में मिला निवास |
आँख खुली है मेरी जब से -जिया जीवन नरक सामान ||
आते -जाते -नज़रो को -पढ़ना -घुटना मृतक सामान |
नाम मेरा है छोटू -मोटू -वेद प्रकाश है असली नाम ||
मै गुदरी का लाल ||
-- हृदय जौनपुरी

हृदय नारायण सिंह

मैं जौनपुर जिले से गाँव सरसौड़ा का रहवासी हूँ,मेरी शिक्षा बी ,ए, तिलकधारी का का लेख जौनपुर से हुई है,विगत् 32 बरसों से मैं मध्यप्रदेश के धार जिले में एक कंपनी में कार्यरत हूँ,वर्तमान में मैं कंपनी में डायरेक्टर के तौर पर कार्यरत हूँ,हमारी कंपनी मध्य प्रदेश की नं-1 कम्पनी है,जो कि मोयरा सीरिया के नाम से प्रसिद्ध है। कविता लेखन मेरा बस शौक है,जो कि मुझे बचपन से ही है, जब मैं क्लास 3-4 मे था तभी से