“ लक्ष्य और दायित्व ”
“ लक्ष्य और दायित्व ” मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, इसी समाज में रहते हुए उन्हें अपने उत्तरदायित्व को निभाना
Read More“ लक्ष्य और दायित्व ” मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, इसी समाज में रहते हुए उन्हें अपने उत्तरदायित्व को निभाना
Read Moreप्रेम की ज्योति बाल कर रखना प्रीत के पल सँभाल कर रखना छोड़ना तुम सभी गमों को अब पाँव तो
Read Moreये बच्चा सच बहुत बोलता है,यहाँ जी नहीं पाएगा ज़माने के मुताबिक इसे झूठ भी सिखलाइए जरा बेशुमार खुशी बयाँ
Read Moreइन्तजार हर पल उसका इन्तजार रहता है, दिल उसके लिए बेकरार रहता है, इन्तजार कभी खत्म न हो, इस बात
Read Moreकोशिशों का एक थैला दिया था माँ ने बचपन में जिसमे बेहिसाब उम्मीदें भरी थीं तभी तो मन आज भी
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