सामाजिक

सुनियोजित षड़यंत्र को समझो

आज टीवी खोल कर देखा तो विभिन्न चैनल के विषयों देखिये
-दीपिका-रणवीर की रिसेप्शन
-प्रियंका-निक की शादी
-ऑस्ट्रेलिया-भारत की क्रिकेट सीरीज
-अपना गृह-नक्षत्र जानिए
-करतारपुर और सिद्धू को लेकर विवाद
-सास-बहु के सीरियल
-पंजाबी के द्विअर्थी गाने
-धर्म के नाम पर पाखंड आदि
हिन्दू समाज के समक्ष बढ़ रहे खतरे जैसे बढ़ती मुस्लिम जनसंख्या, ईसाई धर्मान्तरण, नक्सलवाद, कश्मीर,बंगाल और आसाम में हिन्दुओं का अल्पसंख्यक होना, जैसलमेर में सीमांत ग्रामों में बढ़ती मुस्लिम आबादी, अरब के पैसे से हिन्दू बहुल क्षेत्र में बढ़ते मदरसे और मस्जिदें, रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों की बढ़ती आबादी, जेनयु के शहरी नक्सली, उत्तर पूर्व राज्यों में जनजातियों का ईसाई बनना, लव जिहाद, बढ़ती बेरोजगरी, हिन्दुओं के शिक्षित युवाओं का नास्तिक, चरित्रहीन और भोगवादी बनना, लिव इन और समलेंगिकता आदि में उलझना, बढ़ते तलाक , विवाहेतर सम्बन्ध और नशा, धर्म के प्रति बेरुखी,जातिवाद के नाम पर एक दूसरे से उलझना आदि ज्वलंत विषयों पर कोई चर्चा न होना एक प्रकार से दर्शकों को मूल मुद्दों से हटा कर कल्पित स्वपनलोक में उलझाए रखने जैसा हैं।
हिन्दुओं इस स्वपनलोक से बाहर निकलों। इस सुनियोजित षड़यंत्र को समझों- अन्यथा बहुत देर न हो जाये।
निवेदक- डॉ विवेक आर्य