कविता

विदाई

तुम जा रहे हो ,नही रोकती तुमको,
सुनो जाते जाते एक काम करना ।।

सबके गम ले जाना संग ,
मुस्कान दे जाना सबके मुख पर ।।

सारी बाधा सबकी संग ले जाना ,
मेहनत करने वाले को सफलता मिले ।।

जो थे अब तक परेशान , हैरान ,
खुशी के पल कुछ दे जाना ।।

जो अब तक टूट को बिखर गए,
उनको दुबारा जुड़ने की उम्मीद दे जाना।।

जो हार गए अपने अपनों से ,
उनको अपनों के साथ कि आशा दे जाना ।।

जिन्होंने खोया बहुत कुछ अब तक ,
दुबारा पाने की किरण दिखा जाना ।।

तुम जा रहे हो खुशी और दुख दोनो है ,
तुमने बहुत कुछ दिया है जो भुलाया नही जाएगा ।।

2018 तुमने जीवन के अनमोल ,
अनुभव दिए है यादगार जो रहेंगे दिल में।।

जाओ तुम खुशी खुशी अपने देश ,
सबके ग़म संग ले जाना तुम।।

2019 में कोई उदास न हो ,
सबको सबकी मंजिल मील जाए ।

यही तुमसे चाहते है हम ,
जाते जाते ये काम कर जाना ।।।

सारिका औदिच्य

*डॉ. सारिका रावल औदिच्य

पिता का नाम ---- विनोद कुमार रावल जन्म स्थान --- उदयपुर राजस्थान शिक्षा----- 1 M. A. समाजशास्त्र 2 मास्टर डिप्लोमा कोर्स आर्किटेक्चर और इंटेरीर डिजाइन। 3 डिप्लोमा वास्तु शास्त्र 4 वाचस्पति वास्तु शास्त्र में चल रही है। 5 लेखन मेरा शोकियाँ है कभी लिखती हूँ कभी नहीं । बहुत सी पत्रिका, पेपर , किताब में कहानी कविता को जगह मिल गई है ।