लघुकथा

कुलवंत का कमाल (पत्रात्मक लघुकथा)

प्रिय सखी कुलवंत,
नमस्कार,
आशा है आप सपरिवार कुशलपूर्वक होंगी.
कुलवंत जी, आपने तो कमाल ही कर दिया!
”आपका जन्म किस साल हुआ?” हमने पूछा था.
”1946” आपका जवाब था.
”ये तो मेरे जन्म का साल है! अभी तो और देखती जाइए.”
”आपके विवाह का साल?” हमारा अगला प्रश्न था.
”1967”
हो गया न एक और कमाल!
”आपकी बेटी का जन्म किस साल हुआ?” एक और कमाल की आशा थी.
”1969” और ये हो गया कमाल पर कमाल.
”आपकी बेटे का जन्म किस साल हुआ?” अब तो कमाल के चौके की बारी थी.
”1972” और ये लग गया कमाल का चौका!
अभी तो आपका कमाल हमने देखा ही कहां है? वह तो गुरमैल भाई ने बताया था कि विवाह से पहले जो आप लोगों ने एक दूसरे को पत्र (हम तो इन्हें पत्र ही कहेंगे, असल में वे प्रेमपत्र ही रहे होंगे) लिखे थे, वो अब तक संभले हुए रखे हैं.
गुरमैल भाई ने यह भी बताया था कि वे साइकिल पर पंजाब की एक साइकिल वाली कुड़ी से मिलने जाया करते थे, साइकिल चलाते-चलाते प्रेम की पींगें भी भरते थे, उसी से उनकी शादी भी हो गई. उस जमाने में आपने तो कमाल ही कर दिया. वैसे बाद में पता चला कि आप दोनों के दादा जी ने जबान देकर आपका रिश्ता पक्का कर दिया था. इसलिए आपका विवाह प्रेम विवाह होते हुए भी सुनियोजित विवाह था या फिर सुनियोजित विवाह होते हुए भी प्रेम विवाह था.
कमाल तो आपका जन्मसिद्ध अधिकार है. आपने भारत में जन्म लिया, वो भी ठीक 25 दिसंबर को. 25 दिसंबर यानी पूर्व प्रधानमंत्री और सुप्रसिद्ध कवि-साहित्यकार अटल बिहारी बाजपेयी जी के जन्मदिन पर, ताकि पूरा देश आपका जन्मदिन मनाए. इसी दिन पंडित मदन मोहन मालवीय का जन्‍मदिन भी है. अब तो इस दिन को भारत में सुशासन दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. इस साल तो 25 दिसंबर को पीएम मोदी ब्रह्मपुत्र नदी पर बने देश के सबसे लंबे रेल कम रोड ब्रिज का उद्घाटन करेंगे. भाई वाह! कुलवंत कौर के जन्मदिन के क्या कहने!
विवाह के बाद आप यू.के. चली गईं, ताकि आपके जन्मदिन 25 दिसंबर को यू.के. सहित पूरी दुनिया क्रिसमस के रूप में आपका जन्मदिन मनाए. यह तो कमाल पर कमाल हो गया.
रांझा-रांझा रटते-रटते हीर दीवानी आपे रांझा होई, मैं भी कमाल-कमाल रटते-रटते कमाल की धुन में खोई और आपको जन्मदिन की मुबारक देना ही भूल गई. देर आए दुरुस्त आए, अब आपको हम जन्मदिन की कोटिशः बधाइयां और शुभकामनाएं देते हैं.
आप सपरिवार स्वस्थ, सुखी और समृद्ध रहें और कभी-कभी हमें भी याद करती रहें.
आपकी बहिन
लीला तिवानी

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “कुलवंत का कमाल (पत्रात्मक लघुकथा)

  • लीला तिवानी

    प्रिय गुरमैल भाई जी,
    नमस्कार,
    कुलवंत जी का जन्मदिन मुबारक हो,
    एक और नई उम्मीदों भरी सुबह आई है,
    सूरज के उजास को भी साथ लाई है,
    हमारी दोस्ती का ये असर भी तो देखो,
    हवाएं भी आपको ‘जन्मदिन मुबारक’ कहने आई हैं.

    अपना ब्लॉग के सब साथी

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