कविता

बेटियाँ

मात-पिता की शान बेटियाँ
भारत का अभिमान बेटियाँ

इनको अवसर देकर देखो
छू सकती आसमान बेटियाँ

इनको गर्भ में तुम मत मारो
जग की पालनहार बेटियाँ

प्रेम, दया, करूणा की मूरत
बहती हुई रसधार बेटियाँ

ओलम्पिक में लाज बचाई
देश की कर्णधार बेटियाँ

प्रेम जरा इनसे कर देखो
सावन की फुहार बेटियाँ

इनके बिना सारा जग सूना
जीवन का आधार बेटियाँ

त्याग, समर्पण इनसे सीखो
प्रेम की करुण पुकार बेटियाँ

एवरेस्ट को फतह कर रही
अरुणिमा जैसी होनहार बेटियाँ

मैरीकॉम सी पंच लगाए
होती नहीं लाचार बेटियाँ

सिंधु, साक्षी और दीपा जैसी
बढ़ाती देश का मान बेटियाँ

बड़े-छोटे सारे लोगों की
करती है सम्मान बेटियाँ

रिश्तों को अहमियत वो देती
रखती सबका ख्याल बेटियाँ

करो पुत्र से प्रेम, न भूलो
होती पुत्र समान बेटियाँ

प्रेम ही प्रेम है इनके दामन में
घृणा की नहीं हकदार बेटियाँ

तुलसी है वो तेरे आँगन की
लक्ष्मी की अवतार बेटियाँ

— कन्हैया सिंह “कान्हा”
नवादा, चैनवा, छपरा, बिहार

मो.8769839289

कन्हैया सिंह 'कान्हा'

नवादा, छपरा, बिहार ईमेल- skanhaiya172@gmail.com