कविता

ख्वाहिश

ख्वाहिश

जो बीत गया वह अच्छा था ,
आने वाला पल बेहतर हो
दुःख का ना कोई निशान रहे
खुशियों का फैला समंदर हो

जानेवाले इस वर्ष में पूरे
हुए अनगिनत सपने हैं
नव मित्रों की सौगात मिली
लगते सारे ये अपने हैं

कुछ ख्वाब हकीकत में बदले
कुछ ख्वाब अभी अधूरे हैं
नव वर्ष में प्रण हो ये सबका
करने प्रयास अब पूरे हैं

अरमान रहे ना अब बाकी
हर ख्वाहिश सबकी पूरी हो
तन कोसों दूर भले हों पर
मन में ना कोई दूरी हो

कभी तन थकता , कभी मन रोता
पर चिंता की कोई बात नहीं
मंजिल मिलती , मेहनतकश को
हक है कोई खैरात नहीं

सुख संपत्ति सब को खूब मिले
खुशियों से दामन भर जाए
ख्वाहिश मेरी बस इतनी सी
यह साल जो पूरी कर जाए

स्वागत करता हूँ नत होकर
आने वाले मंगल पल की
नववर्ष की सबको बधाई हो
ख़ुशियाँ सबकी छलकी छलकी

मंच के सभी माननीय सदस्यों को ईस्वी नववर्ष सन 2019 की हार्दिक शुभकामनाएं ! 💐💐💐💐💐💐💐

*राजकुमार कांदु

मुंबई के नजदीक मेरी रिहाइश । लेखन मेरे अंतर्मन की फरमाइश ।

2 thoughts on “ख्वाहिश

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    राजकुमार भाई , कविता बहुत अछि लगी .कुछ ख्वाब हकीकत में बदले
    कुछ ख्वाब अभी अधूरे हैं
    नव वर्ष में प्रण हो ये सबका
    करने प्रयास अब पूरे हैं वाह ! सुन्दर अलफ़ाज़ .

  • रविन्दर सूदन

    आदरणीय राजकुमार भाई साहब, नए साल की सुन्दर कविता । आपने पहले भी गजब की
    कवितायें लिखी हैं । आज भी बहुत सुन्दर कविता, धन्यवाद, शुक्रिया ।

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