लघुकथा

सुहाना उपाय – लघुकथा

नए साल ने दस्तक दे दी थी. प्रकृति ने सतरंगी चोला पहन लिया था. कहीं 3 डिग्री सेल्सियस तापमान ने दिल्ली को शिमला बना दिया था, तो शिमला को बर्फबारी के अद्भुत सौंदर्य से युक्त कर दिया था. सिडनी में रात 9 बजे होने वाली सुप्रसिद्ध आतिशबाजी से पहले बरखा रानी ने जमकर रसधार बरसाई और 12 बजे की आतिशबाजी से पहले भी अपना रंग जमाया. ”कब रोकने से रुकते हैं दीवाने!!’ लोगों ने जमकर बारिश के साथ सिडनी के हार्बर ब्रिज पर करीब 12 मिनट तक आतिशबाजी का आनंद लिया. दुनिया भर के लोग नाच-गाकर 2019 का स्वागत करने को उत्सुक थे. सुहानी को भी 2019 के स्वागत के लिए कुछ सुहाना करना था. पर उसे समझ नहीं आ रहा था, कि वह नया और सुहाना क्या करे! तभी उसे अपने पापा की सीख याद आई, कि जब भी मन में कोई दुविधा हो, उसे सुविधा से सुलझने दो. थोड़ी देर सोचना बंद कर दो. सुहानी ने ऐसा ही किया. तभी उसे लग रहा था, कोई उसे कुछ कह रहा है. वह कोई और नहीं, स्वयं नया साल था-
”मेरे स्वागत में पार्टी करना और रेजॉलूशन बनाना बिल्कुल नॉर्मल है जो कि ज्यादातर लोग करते हैं. मेरी शुरुआत न्यू जीलैंड से होती है, क्योंकि भारत से करीब साढ़े सात घंटे आगे है. ऑस्ट्रेलिया भारत से भारत से करीब साढ़े पांच घंटे आगे है, सिडनी के हार्बर ब्रिज पर करीब 12 मिनट तक आतिशबाजी होगी.
डेनमार्क में लोग पुरानी प्लेट्स को दरवाजे पर और दीवार पर फेंककर तोड़ मेरा स्वागत करते हैं.
स्पेन में न्यू ईयर के मौके पर 12 अंगूर खाने का प्रचलन है.
फिलीपिंस में न्यू ईयर का सेलिब्रेशन पैसे के इर्द-गिर्द ही घूमता है. कपड़ों पर भी गोल पैसे दिखेंगे.
जापान में नए साल के मौके पर मंदिर की घंटी को 108 बार बजाने की परंपरा है.
स्विट्जरलैंड में लोग जानबूझकर भी आइसक्रीम को जमीन पर गिराना शुभ समझते हैं.
फ्रांस में नए साल के स्वागत में पैनकेक, foie gras और शैंपेन खाना-पीना सम्पन्नता का प्रतीक माना जाता है.
साउथ अमेरिका के देशों में नए साल के मौके पर रंगीन अंडवेअर पहनने का ट्रडिशन है.
ऐक्वडोर में लोग न्यू ईयर ईव पर कागज पर पिछले साल की बुरी चीजें लिखकर उसे जला देते हैं.
चिली में लोग नए साल की रात में कब्रिस्तान में सोते हैं.
आइरिश लोग न्यू ईयर वाले दिन दीवारों पर ब्रेड फेंकते हैं.
सुहानी, तुम क्या करोगी?”
”ये भी कोई नए साल का जश्न हुआ भला! मैं तो भारत की स्वस्थ परंपरा यानी सकारात्मकता-सजगता-समाजसेवा की साकार प्रतिमा बनना चाहती हूं. मैं हर रविवार को ममी-पापा के साथ अनाथालय में जाऊंगी और अपनी उम्र के बच्चों के साथ दो घंटे जमकर खेलूंगी, उन्हें हंसने-हंसाने का वातावरण दूंगी, उन्हें पढ़ाऊंगी और उनकी पसंद का खाना खिलाऊंगी.” सुहानी मानो सोते से जाग गई थी.
उसे नए साल का जश्न मनाने का नवीन और सुहाना उपाय जो सूझ गया था!

नए साल ने दस्तक दे दी थी. प्रकृति ने सतरंगी चोला पहन लिया था. कहीं 3 डिग्री सेल्सियस तापमान ने दिल्ली को शिमला बना दिया था, तो शिमला को बर्फबारी के अद्भुत सौंदर्य से युक्त कर दिया था. सिडनी में रात 9 बजे होने वाली सुप्रसिद्ध आतिशबाजी से पहले बरखा रानी ने जमकर रसधार बरसाई और 12 बजे की आतिशबाजी से पहले भी अपना रंग जमाया. ”कब रोकने से रुकते हैं दीवाने!!’ लोगों ने जमकर बारिश के साथ सिडनी के हार्बर ब्रिज पर करीब 12 मिनट तक आतिशबाजी का आनंद लिया. दुनिया भर के लोग नाच-गाकर 2019 का स्वागत करने को उत्सुक थे. सुहानी को भी 2019 के स्वागत के लिए कुछ सुहाना करना था. पर उसे समझ नहीं आ रहा था, कि वह नया और सुहाना क्या करे! तभी उसे अपने पापा की सीख याद आई, कि जब भी मन में कोई दुविधा हो, उसे सुविधा से सुलझने दो. थोड़ी देर सोचना बंद कर दो. सुहानी ने ऐसा ही किया. तभी उसे लग रहा था, कोई उसे कुछ कह रहा है. वह कोई और नहीं, स्वयं नया साल था-
”मेरे स्वागत में पार्टी करना और रेजॉलूशन बनाना बिल्कुल नॉर्मल है जो कि ज्यादातर लोग करते हैं. मेरी शुरुआत न्यू जीलैंड से होती है, क्योंकि भारत से करीब साढ़े सात घंटे आगे है. ऑस्ट्रेलिया भारत से भारत से करीब साढ़े पांच घंटे आगे है, सिडनी के हार्बर ब्रिज पर करीब 12 मिनट तक आतिशबाजी होगी.
डेनमार्क में लोग पुरानी प्लेट्स को दरवाजे पर और दीवार पर फेंककर तोड़ मेरा स्वागत करते हैं.
स्पेन में न्यू ईयर के मौके पर 12 अंगूर खाने का प्रचलन है.
फिलीपिंस में न्यू ईयर का सेलिब्रेशन पैसे के इर्द-गिर्द ही घूमता है. कपड़ों पर भी गोल पैसे दिखेंगे.
जापान में नए साल के मौके पर मंदिर की घंटी को 108 बार बजाने की परंपरा है.
स्विट्जरलैंड में लोग जानबूझकर भी आइसक्रीम को जमीन पर गिराना शुभ समझते हैं.
फ्रांस में नए साल के स्वागत में पैनकेक, foie gras और शैंपेन खाना-पीना सम्पन्नता का प्रतीक माना जाता है.
साउथ अमेरिका के देशों में नए साल के मौके पर रंगीन अंडवेअर पहनने का ट्रडिशन है.
ऐक्वडोर में लोग न्यू ईयर ईव पर कागज पर पिछले साल की बुरी चीजें लिखकर उसे जला देते हैं.
चिली में लोग नए साल की रात में कब्रिस्तान में सोते हैं.
आइरिश लोग न्यू ईयर वाले दिन दीवारों पर ब्रेड फेंकते हैं.
सुहानी, तुम क्या करोगी?”
”सब अपने-अपने देश की संस्कृति के अनुरूप नए साल का जश्न मनाते हैं, मैं भी भारत की स्वस्थ परंपरा यानी सकारात्मकता-सजगता-समाजसेवा की साकार प्रतिमा बनना चाहती हूं. मैं हर रविवार को ममी-पापा के साथ अनाथालय में जाऊंगी और अपनी उम्र के बच्चों के साथ दो घंटे जमकर खेलूंगी, उन्हें हंसने-हंसाने का वातावरण दूंगी, उन्हें पढ़ाऊंगी और उनकी पसंद का खाना खिलाऊंगी.” सुहानी मानो सोते से जाग गई थी.
वह बहुत खुश थी. उसे नए साल का जश्न मनाने का नवीन और सुहाना उपाय जो सूझ गया था!

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “सुहाना उपाय – लघुकथा

  • लीला तिवानी

    गुलाब की खुशबू से पहले,
    पंछियों के कलरव से पहले,
    चाय की चुस्कियों से पहले,
    ब्लॉग की शुरुआत से पहले,
    मुबारक हो नया साल.
    रवि

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