कविता

चमको तुम इस तरह

दूर गगन में टिमटिमाते तारे
जीवन में चमको तुम इस तरह
सजाते रहो अम्बर को यू ही
जीवन में दमको तुम इस तरह
हर सुबह रहे हर शाम रहे
जीवन में तेरा ही नाम रहे
तुम रोशनी से भरपूर हो
जीवन में चहको तुम इस तरह
सुबह की है वो रोशनी
सांझ की हो तुम चाँदनी
जगमगाते रहो हरदम यू ही
जीवन में दहको तुम इस तरह
मिटकर भी तुम न मिट सके
हो गये अमर तुम इस तरह
रहोगे दिलों में तुम यू ही सदा
जीवन में महकों तुम इस तरह
— डॉ माधवी कुलश्रेष्ठ

डॉ. माधवी कुलश्रेष्ठ

पिता का नाम स्व . श्री हरेंद्र पाल कुलश्रेष्ठ पति का नाम श्री अरविन्द कुलश्रेष्ठ वर्तमान पता सी -14 न्यू आगरा फोन न . 9412426559 8218644036 ;8193909436 शिक्षा . एम॰ ए एम .एड पी .एच डी . (हिन्दी ..मनोविज्ञान इतिहास और संगीत गायन ) व्यवसाय - प्रधानाचार्य काव्य कलश सम्मान , भाव-भूषण सम्मान , और भी कई शाखाओं में उच्च पदों पर रहकर समाज सेवा कर रही हूँ लेखन कार्य भी करती हूँ । साझा संकलन भी छप चुके हैो