बाल कविता

बाल गीत – मां

मां ने हमको जन्म दिया है,
पाल-पोसकर बड़ा किया है,
देकर सद्गुण मां ने हम पर,
सच में बड़ा उपकार किया है.
मां ममता का सागर होती,
अंबर-सा विस्तार मां होती,
उसकी महिमा कही न जाए,
आनंद का आधार मां होती.
मां हम तेरा मान रखेंगे,
आंच न तुझ पर आने देंगे,
समय विकट आया जो कभी तो,
जान भी हम कुर्बान करेंगे.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “बाल गीत – मां

  • लीला तिवानी

    चलती फिरती आंखों से अज़ां देखी है,
    मैंने जन्नत तो नहीं देखी है मां देखी है.

    ”माँ” शब्द में ही” आ” छुपा होता है,
    हमारी हर गलती माफ कर के प्यार से “आ” कह कर गले लगा लेती है.

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