कवितापद्य साहित्य

ढल जाएगी जवानी

ढल जाएगी जवानी  दिल जवान होना चाहिए

हर उम्र में हमें जीने का अरमान होना चाहिए

कदम कदम पर खतरे हैं ज़िंदगी मे ए दोस्त

खतरों को जो टाले वो निगहबान होना चाहिए

इस मिट्टी ने न जाने कितनी खुशियाँ दी हमें

मौका गर मिले वतन पर कुर्बान होना चाहिए

जीभ के स्वाद की खातिर बिगाड़ लोगे सेहत

कोशिश करो के सादा खान पान होना चाहिए

न जाने कब कहाँ सांझ ढल जाए रात हो जाए

घर से निकलो तो ज़रूरी सामान होना चाहिए

सराय ही है ये दुनिया इसे छोडना है इक दिन

आदमी को इस सराय का मेहमान होना चाहिए

कितने आए चले गए औ कितने आएंगे जाएंगे

जिंदगी मिली है हमें इसका उनवान होना चाहिए

जीने का मज़ा लो भरपूर मरने का डर ना पालो

अर्जुन हर करम में शामिल भगवान होना चाहिए

अर्जुन सिंह नेगी

नाम : अर्जुन सिंह नेगी पिता का नाम – श्री प्रताप सिंह नेगी जन्म तिथि : 25 मार्च 1987 शिक्षा : बी.ए., डिप्लोमा (सिविल इंजीनियरिंग), ग्रामीण विकास मे स्नातकोत्तर डिप्लोमा। पेशा : एसजेवीएन लिमिटेड (भारत सरकार एवं हिमाचल प्रदेश सरकार का संयुक्त उपक्रम) में सहायक प्रबन्धक के पद पर कार्यरत l लेखन की शुरुआत : सितम्बर, 2007 से (हिमप्रस्थ में प्रथम कविता प्रकाशित) l प्रकाशन का विवरण (समाचार पत्र व पत्रिकाएँ): दिव्य हिमाचल (समाचार पत्र), फोकस हिमाचल साप्ताहिक (मंडी,हि.प्र.), हिमाचल दस्तक (समाचार पत्र ), गिरिराज साप्ताहिक(शिमला), हिमप्रस्थ(शिमला), प्रगतिशील साहित्य (दिल्ली), एक नज़र (दिल्ली), एसजेवीएन(शिमला) की गृह राजभाषा पत्रिका “हिम शक्ति” जय विजय (दिल्ली), ककसाड, सुसंभाव्य, सृजन सरिता व स्थानीय पत्र- पत्रिकाओ मे समय- समय पर प्रकाशन, 5 साँझा काव्य संग्रह प्रकशित, वर्ष 2019 में अंतिका प्रकाशन दिल्ली से कविता संग्रह "मुझे उड़ना है" प्रकाशितl विधाएँ : कविता , लघुकथा , आलेख आदि प्रसारण : कवि सम्मेलनों में भागीदारी l स्थायी पता : गाँव व पत्रालय –नारायण निवास, कटगाँव तहसील – निचार, जिला – किन्नौर (हिमाचल प्रदेश) पिन – 172118 वर्तमान पता : निगमित सतर्कता विभाग , एसजेवीएन लिमिटेड, शक्ति सदन, शनान, शिमला , जिला – शिमला (हिमाचल प्रदेश) -171006 मोबाइल – 09418033874 ई - मेल :negiarjun1987@gmail.com