गीतिका/ग़ज़ल

गीतिका

सुन्दर सलौने श्याम,करुणाकार तुम ही हो
तुम ही अमिट एक नाम,जगदाधार तुम ही हो ।।

धड़कन तुम्ही से चलती है,साँसे तुम्हारी दी हुयी
निष्प्राण मेरे प्राणों का संचार तुम ही हो ।।

कब तक भँवर टकरायेगी,नैया तुम्हारे हाथ है
तुम ही खिवैया हो बने ,मँझधार तुम ही हो ।।

तुम कमल नयन अभिराम हो ,तुम दिव्य ज्योति श्याम हो
ह्रदय के भीतर बस रहे साकार तुम ही हो ।।

आना न आना तो समर्थ की इच्छा पर निर्भर सदा
बस भाव चरणों में रहे ,करतार तुम ही हो ।।

मेरी लगन तुम से है लगी,विनती सुनो प्रभु पातकी
नयनों से अविरल बहे,अश्रुधार तुम ही हो ।।

मैं तुममें खो जाऊँ सुनो,या तुमको पा जा कहो
तुम ही मेरा परिवार हो,संसार तुम ही हो ।।
रीना गोयल ( हरियाणा)

रीना गोयल

माता पिता -- श्रीओम प्रकाश बंसल ,श्रीमति सरोज बंसल पति -- श्री प्रदीप गोयल .... सफल व्यवसायी जन्म स्थान - सहारनपुर .....यू.पी. शिक्षा- बी .ऐ. आई .टी .आई. कटिंग &टेलरिंग निवास स्थान यमुनानगर (हरियाणा) रुचि-- विविध पुस्तकें पढने में रुचि,संगीत सुनना,गुनगुनाना, गज़ल पढना एंव लिखना पति व परिवार से सन्तुष्ट सरल ह्रदय ...आत्म निर्भर