कविता

कदम बढ़ाता चल

गरल सुधा बन जाता है जब मीरा सी हो भक्ति।
अभय हो जाता नर जब हो निष्काम कर्म शक्ति।।

अगणित मदन हो न्योछावर शिव चरणों मे तब।
मिलती देवों को उनके चरणों मे सच मे अनुरक्ति।।

स्मृति आ जाती जग में जब मिट जाती आसक्ति।
अन्तर्मन प्रफुल्लित होता जग उठती भावभक्ति।।

उत्तम से उत्तम ऋषि मुनि भी सहज न पाए मुक्ति।
बड़ा कठिन अध्यात्म पथ ये सरल नहीं है विरक्ति।।

कोई बिरला मोह निशा से जागे तभी मिले मुक्ति।
राह में शूल बिछे पुरोहित कदम बढ़ा मिलेगी शक्ति।।

कवि राजेश पुरोहित

राजेश पुरोहित

पिता का नाम - शिवनारायण शर्मा माता का नाम - चंद्रकला शर्मा जीवन संगिनी - अनिता शर्मा जन्म तिथि - 5 सितम्बर 1970 शिक्षा - एम ए हिंदी सम्प्रति अध्यापक रा उ मा वि सुलिया प्रकाशित कृतियां 1. आशीर्वाद 2. अभिलाषा 3. काव्यधारा सम्पादित काव्य संकलन राष्ट्रीय स्तर की पत्र पत्रिकाओं में सतत लेखन प्रकाशन सम्मान - 4 दर्ज़न से अधिक साहित्यिक सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित अन्य रुचि - शाकाहार जीवदया नशामुक्ति हेतु प्रचार प्रसार पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य किया संपर्क:- 98 पुरोहित कुटी श्रीराम कॉलोनी भवानीमंडी जिला झालावाड़ राजस्थान पिन 326502 मोबाइल 7073318074 Email 123rkpurohit@gmail.com