लघुकथा

लघुकथा- सलीब

हर एक लड़की की भांति उसकी शादी भी गृहस्थ धर्म निभाने और सुख-समृद्धि की राह पर अग्रसर होने के लिए हुई थी. पर उसे पता नहीं था कि यही शादी उसके लिए बरबादी का सैलाब लाने वाली है. अनेक बहुओं-पत्नियों की तरह उसे भी रोज तानों-तुनकों का भोजन नसीब होता था. शादी के कुछ समय बाद से ही पति और ससुरालवाले उसे दहेज में कार देने के लिए टॉर्चर करने लगे थे.

”बहुत सह लिया, अब आर या पार!” उसने सोचा.

यही निर्णय मन में लिए उसने अपने लिए फांसी का फंदा बनाया था. पति डरेगा या रहम करेगा?

”मगर उसने न रोका, न वापिस बुलाया, उल्टे सलीब पर चढ़ने के लिए उकसाया.”

पत्नी पंखे से लटककर खुदकुशी कर रही थी, वहीं मौजूद उसका पति उसे मोबाइल से वीडियो शूट कर रहा था.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “लघुकथा- सलीब

  • लीला तिवानी

    यूपी के मथुरा में बंद कमरे में एक महिला ने पंखे से लटककर खुदकुशी कर ली। हैरानी की बात यह है कि उसका पति भी वहीं मौजूद था, लेकिन उसे बचाने की बजाए वो मोबाइल से वीडियो शूट करता रहा। इस दौरान पत्नी को आत्महत्या के लिए बार-बार उकसा भी रहा था। सोशल मीडिया पर 12 मिनट 14 सेकंड का एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जो विचलित करने वाला है। कमरे के बाहर दरवाजा पीट रही थी सास और ननद, लेकिन पति ने किया अनसुना । गीता के लिए राजकपूर मथुरा का कंस बन गया।

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