स्वास्थ्य

गहरी नींद के लिए पर्याप्त व्यायाम आवश्यक

बहुत से लोग यह शिकायत करते पाये जाते हैं कि उनको रात में नींद नहीं आती और यदि आती भी है तो गहरी नींद नहीं आती, जिसके कारण उनके तन-मन को पूरा विश्राम नहीं मिलता और दिनभर वे थके-थके से रहते हैं।

इसका कारण यह है कि उनके शरीर को पर्याप्त थकान नहीं होती। गहरी नींद के लिए यह आवश्यक है कि यदि उनका कार्य शारीरिक परिश्रम का नहीं है तो वे व्यायाम करके शरीर को इतना अवश्य थका लें कि बिस्तर पर पड़ते ही उनको गहरी नींद आ जाये।

यदि किसी कारणवश आपको ऐसा लगता है कि किसी दिन बिस्तर पर जाते समय आपका शरीर विश्राम के लिए तत्पर नहीं है तो बिस्तर पर ही आप कुछ व्यायामों को करके गहरी नींद लाना सुनिश्चित कर सकते हैं। ये व्यायाम हैं- क्वीन, किंग, मत्स्य व्यायाम, और ब्रह्मचर्यासन।

यहाँ यह ध्यान रखना आवश्यक है कि शयन करने जाने से दो-तीन घंटे पूर्व आपने सायंकालीन भोजन कर लिया हो और वह अधिकांशत: पच गया हो। यहाँ ये व्यायाम करने की विधि संक्षेप में बतायी जा रही है और वीडियो/चित्र भी दिये जा रहे हैं। ये व्यायाम इसी क्रम में करने चाहिए।

क्वीन एक्सरसाइज़

चित लेट जाइये। हाथों को कंधों की सीध में दोनों ओर फैला लीजिए। पैरों को सिकोड़कर घुटने ऊपर उठाकर मिला लीजिए। पैर जाँघ से सटे रहेंगे। अब दोनों घुटनों को एक साथ बायीं ओर ले जाकर जमीन पर रखिए और सिर को दायीं ओर घुमाकर ठोड़ी को कंधे से लगाइए। कुछ सेकण्ड इस स्थिति में रुककर घुटनों को घुमाते हुए दायीं ओर जमीन से लगाइए और सिर को घुमाते हुए ठोड़ी को बायें कंधे से लगाइए। इसतरह बारी-बारी से दोनों तरफ 10-10 बार कीजिए। यह मर्कटासन की प्रथम स्थिति है।

किंग एक्सरसाइज

चित लेट जाइये। हाथों को कंधों की सीध में दोनों ओर फैला लीजिए। पैरों को सिकोड़कर घुटने ऊपर उठा लीजिए और पैरों में एक-डेढ़ फीट का अन्तर दीजिए। अब दोनों पैरों को एक साथ बायीं ओर ले जाकर जमीन से लगाइए और सिर को दायीं ओर घुमाकर ठोड़ी को कंधे से लगाइए। इस स्थिति में दायें पैर का घुटना बायें पैर की एड़ी को छूते रहना चाहिए। कुछ सेकण्ड इस स्थिति में रुककर घुटनों को उठाकर घुमाते हुए दायीं ओर जमीन से लगाइए और सिर को घुमाते हुए ठोड़ी को बायें कंधे से लगाइए। इस स्थिति में बायें पैर का घुटना दायें पैर की एड़ी को छूते रहना चाहिए। इस प्रकार बारी-बारी से दोनों तरफ 10-10 बार कीजिए। यह मर्कटासन की द्वितीय स्थिति है।

मत्स्य व्यायाम

चित लेट जाइए। हाथ बग़ल में रहें। अब पैरों की एड़ियों के बिस्तर पर सरकाते हुए पूरा ऊपर उठाइए। इसके साथ ही हाथों को कोहनी से मोड़ते हुए ऊपर उठाइए और उँगलियों को कंधे से छुआइए। इसके बाद तुरंत ही पैरों और हाथों को नीचे लाते हुए पूर्व स्थिति में ले आइए। इस तरह लगातार कई बार करना है।

ब्रह्मचर्यासन

वज्रासन में बैठते हुए पैरों के पंजों को भीतर के बजाय बाहर की ओर मोड़कर बैठिए। चूतड़ ज़मीन पर टिके रहेंगे। इस स्थिति में एक-दो मिनट रहना पर्याप्त है।

सोने से तत्काल पहले इन व्यायामों को बिस्तर पर ही कर लेने से बहुत गहरी नींद आती है तथा अन्य कई लाभ होते हैं।

— विजय कुमार सिंघल
पौष कृ ५, सं २०७५ वि (२७ दिसम्बर २०१८)

डॉ. विजय कुमार सिंघल

नाम - डाॅ विजय कुमार सिंघल ‘अंजान’ जन्म तिथि - 27 अक्तूबर, 1959 जन्म स्थान - गाँव - दघेंटा, विकास खंड - बल्देव, जिला - मथुरा (उ.प्र.) पिता - स्व. श्री छेदा लाल अग्रवाल माता - स्व. श्रीमती शीला देवी पितामह - स्व. श्री चिन्तामणि जी सिंघल ज्येष्ठ पितामह - स्व. स्वामी शंकरानन्द सरस्वती जी महाराज शिक्षा - एम.स्टेट., एम.फिल. (कम्प्यूटर विज्ञान), सीएआईआईबी पुरस्कार - जापान के एक सरकारी संस्थान द्वारा कम्प्यूटरीकरण विषय पर आयोजित विश्व-स्तरीय निबंध प्रतियोगिता में विजयी होने पर पुरस्कार ग्रहण करने हेतु जापान यात्रा, जहाँ गोल्ड कप द्वारा सम्मानित। इसके अतिरिक्त अनेक निबंध प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत। आजीविका - इलाहाबाद बैंक, डीआरएस, मंडलीय कार्यालय, लखनऊ में मुख्य प्रबंधक (सूचना प्रौद्योगिकी) के पद से अवकाशप्राप्त। लेखन - कम्प्यूटर से सम्बंधित विषयों पर 80 पुस्तकें लिखित, जिनमें से 75 प्रकाशित। अन्य प्रकाशित पुस्तकें- वैदिक गीता, सरस भजन संग्रह, स्वास्थ्य रहस्य। अनेक लेख, कविताएँ, कहानियाँ, व्यंग्य, कार्टून आदि यत्र-तत्र प्रकाशित। महाभारत पर आधारित लघु उपन्यास ‘शान्तिदूत’ वेबसाइट पर प्रकाशित। आत्मकथा - प्रथम भाग (मुर्गे की तीसरी टाँग), द्वितीय भाग (दो नम्बर का आदमी) एवं तृतीय भाग (एक नजर पीछे की ओर) प्रकाशित। आत्मकथा का चतुर्थ भाग (महाशून्य की ओर) प्रकाशनाधीन। प्रकाशन- वेब पत्रिका ‘जय विजय’ मासिक का नियमित सम्पादन एवं प्रकाशन, वेबसाइट- www.jayvijay.co, ई-मेल: jayvijaymail@gmail.com, प्राकृतिक चिकित्सक एवं योगाचार्य सम्पर्क सूत्र - 15, सरयू विहार फेज 2, निकट बसन्त विहार, कमला नगर, आगरा-282005 (उप्र), मो. 9919997596, ई-मेल- vijayks@rediffmail.com, vijaysinghal27@gmail.com