कविता

एहसास

तुम्हारे इंतजार में थोड़ा नमकीन सा मिठास है..
ये कैसा एहसास है…
जैसे जैसे वक्त सरकता है
भीतर हराहट सा महसूस होता है..
आंखों में शरारत सी चमकती है..
इंतजार के इन पलों में
खूबसूरत लम्हों की परछाईंया सी चलती है..
खुद से बेखबर ये पल
मुझे और करीब आने की गुजारिशें करती हैं…
कुछ इन पलों के इंतजार में
तुम्हें और समझने की चाहत सी होती है…
तुम्हारे आने के इंतजार में भी तो
हर वक्त तेरे साथ ही तो होती हूं …
तेरे आने से पहले और जाने के बाद भी …
तुम्हारे साथ होने का अहसास ही तो करती हूं…

*बबली सिन्हा

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