लघुकथा

आकाश की शादी

क्या आकाश की भी शादी होती है? मुझे भी हैरत हुई थी.
इससे भी अधिक हैरत तब हुई, जब मैंने आकाश की शादी का समाचार पढ़ा. इसे आकाश की शादी कहें या अनोखी शादी, एक ही बात है.
”क्या अनोखा हुआ था इस शादी में?” एक सवाल था.
”सब अनोखा-ही-अनोखा था आकाश की शादी में.”
”अरे भाई जरा यह तो बताओ, आकाश ने कब-कहां-किससे शादी की? हमने तो कभी आकाश की शादी की बात सुनी ही नहीं.”
”बीती 25 जनवरी को मुंबई में आकाश ने राधिका से शादी की.”
”अच्छा तो आकाश दूल्हे का नाम है!”
”यही तो! यह शादी अनोखी इसलिए, कि इस शादी में सभी मेहमान महापुरुषों, नेताजी सुभाषचंद्र बोस और सैनिकों के ड्रेस में आए थे. राष्ट्रप्रेम को दर्शाने के लिए अनूठे तरीके से यह विवाह समारोह सम्पन्न हुआ. मेहमानों ने कहा कि विवाह समारोह में राष्ट्रप्रेम दर्शाने की यह अनूठी पहल है. समारोह के लिए पूरे परिसर को तिरंगे से सजाया गया था। समारोह में आए हुए मेहमानों को उपहार में तिरंगा वस्त्र दिए गए.”
”क्या करते हैं आकाश जी?”
”व्याख्याता डॉ. पवन अग्रवाल के छोटे बेटे आकाश ने फ्लोरिडा में पढ़ाई करने के बाद पिता की सलाह पर वहां की नौकरी ठुकरा दी और भारत में शिक्षक की नौकरी कर रहे हैं.”
विवाह के बाद आयोजित समारोह पर डॉ. पवन ने कहा, ‘जिस तरह से हमारे सैनिक देश के लिए अपना कर्तव्य निभा रहे हैं, उसी तरह देश के हर नागरिक को सेवा करना चाहिए. देश के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और राष्ट्रप्रेम का संदेश देने के लिए समारोह का आयोजन किया गया.’
”सच में आकाश की शादी समारोह देश के नाम किया गया यह शादी समारोह अनोखा ही है.”

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “आकाश की शादी

  • लीला तिवानी

    कुछ लोग अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए कुछ नया करते हैं, जैसा कि आकाश की शादी में हुआ. उन्होंने इस शादी समारोह को देश के नाम किया. विवाह समारोह में राष्ट्रप्रेम दर्शाने की यह अनूठी पहल है. इसमें सभी मेहमान नेताजी सुभाषचंद्र बोस और सैनिकों के ड्रेस में आए थे. जय हो ऐसे राष्ट्रप्रेम की.

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