बाल कविताशिशुगीत

दो-दो वेलेंटाइन डे मनाऊंगा

लोग तो एक ही वेलेंटाइन डे मनाने को तरसते हैं,
मैं दो-दो वेलेंटाइन डे मनाऊंगा,
खुश होना तो अपने हाथ में हैं,
मैं जी भर खुशियां मनाऊंगा.

मां ने मुझको जन्म दिया है,
पाल-पोसकर बड़ा किया है,
मेरी हर इच्छा पर उसने,
अपने को कुर्बान किया है.
एक गुलाब माता को देकर,
‘वेलेंटाइन डे’ मनाऊंगा,
प्रेम से उससे गले मिलूंगा,
आशीष उसकी पाऊंगा.

टीचर मेरी बहुत ही अच्छी,
ज्ञान-पिटारा देती है,
रोज नया कुछ हमें सिखाकर,
उसकी परीक्षा लेती है.
एक गुलाब टीचर को देकर,
‘वेलेंटाइन डे’ मनाऊंगा,
उसकी आंखों की चमक देखकर,
आशीष उसकी पाऊंगा.

लोग तो एक ही वेलेंटाइन डे मनाने को तरसते हैं,
मैं दो-दो वेलेंटाइन डे मनाऊंगा,
खुश होना तो अपने हाथ में हैं,
मैं जी भर खुशियां मनाऊंगा.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

4 thoughts on “दो-दो वेलेंटाइन डे मनाऊंगा

  • मनमोहन कुमार आर्य

    मुझे एडिट करने की विधि पता नहीं चल रही है। कृपया मेरे कमेंट में एक स्थान पर “देता” लिखा गया है। उसे कृपया “देते” पढ़े। असुविधा के लिए खेद है। सादर।

  • मनमोहन कुमार आर्य

    बहुत अच्छी कविता। इसमें यदि ईश्वर का धन्यवाद् भी सम्मिलित होता तो अच्छा लगता। ईश्वर का स्थान हमारे धर्म व संस्कृति में माता पिता व आचार्य से पूर्व है। उसी ने हमें माता पिता व आचार्य दिया हैं। सादर नमस्ते एवं धन्यवाद्।

    • लीला तिवानी

      आदरणीय मनमोहन भाई जी, आपने यह ब्लॉग पढ़ा और इस पर अपने खूबसूरत उद्गार प्रकट किए, आपका हार्दिक अभिनंदन है. आपकी राय से हम सहमत हैं. कभी-कभी भूल हो जाती है, आगे से इसका विशेष ध्यान रखेंगे. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.

  • लीला तिवानी

    छोटे-से बच्चे ने मां और टीचर के बारे में तो जगत विदित सच्चाई का उल्लेख किया है, लेकिन जो एक विशेष बात कही है वह है-

    खुश होना तो अपने हाथ में हैं,
    मैं जी भर खुशियां मनाऊंगा.

    सच्चा जीवन जीने का यह अनुपम गुर अगर हम सब सीख पाएं, तो कितना अच्छा हो! फिर तो इस दुनिया में दुःख-वैर का नामोनिशान ही न रहे. सबको आज के ‘चॉकलेट डे’ की और आने वाले ‘वेलेंटाइन डे’ की हार्दिक बधाइयां.

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