कविता

शहादत

अभी अभी प्राप्त खबर के अनुसार कश्मीर में आतंकी हमले में 30 जवानों की शहादत से दुःखी व आक्रोश से उपजी मेरी एक रचना — शहीद जवानों को विनम्र श्रद्धांजलि ! 💐💐💐

14 फरवरी दिन गुरुवार था वो
जब 30 जवानों ने शहादत थी पाई
70 बसों में निकले थे बहादुर
दबे पाँव मौत उनके नजदीक आई
देश का गद्दार नाम उसका था आदिल
कार उसने अपनी एक बस से टकराई
200 किलो विस्फोटक से लदी उस कार ने
41 जवानों संग बस के परखच्चे उड़ाई
जैसे ही खबर ये जनता तक आई
विपक्ष ने आंखें तरेरी , सत्ता ने दी दुहाई
बयानों के शोर में दावों प्रतिदावों में
दुःख की घड़ी में भी संवेदना गँवाई
धरे रह जाएँगे फिर हथियारों के जखीरे
दुश्मन बिन हथियारों के हमें मार जाएंगे
और कुछ हो या ना हो ये जरूर होगा
नेता बयानों से दुश्मन को मार गिराएँगे
अरे लानत है ऐसा महान देश कहलाने में
जब एक पिद्दी भी हमें जख्म दे जाता है
अरे अब तो जागो , हुँकार भरो जोश में
ऐसे में जवानों को हुक्म दिया जाता है
आजाद हो तुम सेना के बहादुर जवानों
खून की एक एक बूंद का अब बदला है लेना
आगे बढ़ो जवानों , संग देश है तुम्हारे
जय भारत ! जय भारत ! जय भारत की सेना !!

राजकुमार कांदु

*राजकुमार कांदु

मुंबई के नजदीक मेरी रिहाइश । लेखन मेरे अंतर्मन की फरमाइश ।

One thought on “शहादत

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    राजकुमार भाई , हमारे देश के लिए अब कोई वक्त नहीं बचा .बस एक ही बात हर देशवासी के मुंह से निकलनी चाहिए , ,बदला बदला बदला .

Comments are closed.