कविता

दरबारों को जगना होगा

जिसकी कोख से नही जन्मे
वो मातायें भी बिलख रही
जिसने इनको राखी नही बांधी
वो बहने भी है सिसक रही

कंधे पर जिसने नही ढोया
वो पिता समान ही व्याकुल है
आज देश का बच्चा बच्चा
क्रोधित और शोकाकुल है

दरबारों से यही सलाह है
अब एक बड़ा प्रहार करे
शहीद जवानों के बदले में
दुश्मन का संहार करे

पत्थर के बदले हो गोली
गोली के बदले तोप चले
तोप के बदले चले टैंक
टैंकों के बदले जेट चले

नही उठा गर कदम अभी तो
सेना में धैर्य नही होगा
जन मानस के रुके धैर्य का
कोई जवाब नही होगा

सही समय है सही है मौका
अपनी साख बचाने का
दुनिया में संदेश भेज दो
भारत का मान बढ़ाने का
$पुरुषोत्तम जाजु$

पुरुषोत्तम जाजू

पुरुषोत्तम जाजु c/304,गार्डन कोर्ट अमृत वाणी रोड भायंदर (वेस्ट)जिला _ठाणे महाराष्ट्र मोबाइल 9321426507 सम्प्रति =स्वतंत्र लेखन