गीत/नवगीत

हमको शंकर बनना होगा

आखिर कब तक मौन रहें , हमको शंकर बनना होगा।
चन्द पटाखे जो छोड़ रहे, उनपर तांडव करना होगा।
चुन चुन कर मार गिराना है, हर शातिर शैतान को
नक्सा नया बनाना होगा, फिर से हिंदुस्तान को।
उठो देश के अमर सपूतों, जय श्रीराम का नाद करो।
आलस, मोह, निद्रा त्यागो, गांडीव धनुष सन्धान करो।
प्रलयकाल बन टूट पड़ो तुम, पाकिस्तान की छाती पर।
और तिरंगा फहरा दो तुम, इस्लामाबाद के सीने पर
मां काली का खप्पर भर दो, आतंकियों के खून से
सिन्धु नदी में ज्वार उठा दो, पापियों के प्रवाह से।
जैश ए मोहम्मद न शेष बचे, दफनाने अपने पुरखों को।
छट्टी का दूध न याद बचे, पापी पाकिस्तान को
कश्मीर में जो छिपे हुए, आतंकवाद के ठेकेदार है।
उनपर बन्दूक की गोली का, शीघ्र प्रहार जरूरी है।
बीच सड़क पर सूली लटका दो, वीरों के हत्यारों को।
तब सच्ची श्रद्धांजलि होगी, भारत के वीर शहीदों को।

*बाल भास्कर मिश्र

पता- बाल भाष्कर मिश्र "भारत" ग्राम व पोस्ट- कल्यानमल , जिला - हरदोई पिन- 241304 मो. 7860455047