बाल कविता

जय हिंद

नन्हा-मुन्ना सैनिक हूं मैं,
जय हिंद है मेरा हथियार,
जय हिंद, जय हिंद करते-करते,
कर दूंगा दुश्मन पर वार.
रोटीमेकर से आती है,
जय हिंद की मुझको आवाज,
डिशवाशर भी कहता मानो,
जय हिंद से कर लो आग़ाज.
अपने देश से बढ़कर कोई,
देश न मुझको प्यारा है,
जय हिंद का हूं मैं पूजक,
मत समझो यह नारा है.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “जय हिंद

  • लीला तिवानी

    जब देश में देशभक्ति की हवा चल रही हो तो हमारे नन्हे-मुन्ने बच्चे भी पीछे नहीं रहते हैं, उनको भी जोश आ जाता है.

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